By अंकित सिंह | Feb 06, 2024
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने मंगलवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर भ्रष्टाचार का भूखा और लालची होने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री ने बड़ा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली के गवर्नेंस मॉडल को वेंटीलेटर पर डाल दिया गया है। दिल्ली की आबकारी नीति सबसे बड़ा घोटाला है जिसके बारे में कोई सोच सकता है। लेकिन सीएम दिल्ली शराब घोटाले पर ईडी के समन का जवाब देने से बच रहे हैं तो एक और घोटाला सामने आ गया और वह घोटाला हुआ दिल्ली जल बोर्ड घोटाला।
लेखी का हमला उस दिन हुआ है जब प्रवर्तन निदेशालय ने डीजेबी टेंडरिंग प्रक्रिया में 'अनियमितताओं' से उत्पन्न रिश्वत के आरोपों की जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार और अन्य के परिसरों की तलाशी ली। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भ्रष्टाचार व ड्रामा घनघोर है और प्रबंधन की व्यवस्थाएं कमजोर हैं। इसका एक दृश्य कल दिल्ली कोर्ट में देखने को मिला। कोर्ट ने कहा कि 3 करोड़ की आबादी पर 6 सीटी स्कैन की मशीनें हैं और जब एफिडेविट की जांच की गई तो एफिडेविट झूठा पाया गया। खुद को ईमानदार बताकर सत्ता में आए लोग आज भ्रष्टाचार की परिभाषा बन गए हैं।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि ED के पांच समन आने के बाद भी केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं हुए। ED का आंकलन है कि शराब घोटाले में 2 से 2.5 हजार करोड़ रुपये देश के चुराए गए हैं। अभी इस पर चर्चा ही चल रही थी कि अब जल बोर्ड और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में घोटाला सामने आया है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही छापेमारी के तहत एजेंसी के अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 10-12 परिसरों को कवर किया था। मंत्री ने कहा, "दिल्ली सरकार को केवल प्रचार की चिंता है। वे किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहने के भूखे हैं। वे भ्रष्टाचार के भूखे और लालची हैं।"