By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 03, 2021
नयी दिल्ली। भाजपा ने गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी की शानदार जीत और कांग्रेस की हार का हवाला देते हुए कहा कि किसानों ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कृषि कानूनों में सुधारों के लिए मतदान किया है और इस मुद्दे पर एवं एलपीजी की कीमत को लेकर विपक्ष की मुहिम को नकार दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि चुनावों में भाजपा की जबरदस्त जीत इस बात को रेखांकित करती है कि मोदी पर लोगों का भरोसा और प्यार बना हुआ है और उन्होंने कांग्रेस की नकारात्मक मुहिम को खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में लंबे समय तक सत्ता में रहने के बाद भाजपा का इतनी बड़ी जीत हासिल करना राजनीति में दुर्लभ उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस का सफाया हो गया है। गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी 31 जिला पंचायतों के साथ ही 231 तालुका पंचायतों में से 196 में और 81 नगरपालिकाओं में से 74 में स्पष्ट बहुमत हासिल कर निकाय चुनावों में बड़ी जीत हासिल की। राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केवल एक नगरपालिका और 18 तालुका पंचायतों में स्पष्ट बहुमत हासिल किया। इससे पहले गुजरात में पिछले महीने हुए निकाय चुनावों के पहले चरण में, भाजपा ने सभी छह नगर निगमों में जीत हासिल की थी।
जावड़ेकर ने कहा कि इन परिणामों का अर्थ है कि लोगों ने विकास के लिए मतदान किया और किसान सुधारों के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपनी मुहिम में पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए एलपीजी सिलेंडरों का अकसर जिक्र किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात को ‘‘बदनाम’’ करने की कोशिश की। उन्होंने गांधी के असम में दिए उस भाषण का जिक्र करते हुए यह बात की, जिसमें उन्होंने पूर्वी राज्य में चाय कर्मियों के कम वेतन के लिए गुजराती व्यापारियों पर निशाना साधा था।
भाजपा नेता ने कहा कि लोगों ने उनकी नकारात्मक मुहिम को नकार दिया है। जावड़ेकर ने कहा कि गुजरात में भाजपा की जीत से पहले उसने पिछले कुछ महीनों में देशभर में कई उपचुनावों एवं स्थानीय निकाय चुनावों और बिहार विधानसभा चुनाव समेत विभिन्न चुनावों में जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि यह पार्टी के लिए लोगों के सहयोग को दर्शाता है। जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस के एक विधायक और विपक्षी पार्टी के कई विधायकों के संबंधी भी गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में हार गए हैं।