By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 26, 2017
दिल्ली नगर निगम चुनावों में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 270 वार्डों में से 181 सीटों पर विजय हासिल की है जबकि राज्य में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी 48 सीटों पर सिमट गयी है। कांग्रेस ने 30 सीटों पर विजय हासिल की है जबकि 11 सीटें अन्यों के खाते में गयी हैं। भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी में लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर हैट्रिक लगायी है। हाल ही में राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा-अकाली दल को भारी विजय हासिल हुई थी।
भाजपा ने दक्षिणी दिल्ली में 104 में से 71 सीटों पर जीत हासिल की जबकि आप 15 सीटें जीत पायी। कांग्रेस 12 सीटों पर विजयी रही और अन्य के हिस्से में 6 सीटें आईं।
उत्तरी दिल्ली की कुल 103 सीटों में से भाजपा 65 सीटों पर विजयी रही जबकि आप 20 सीटों पर और कांग्रेस 15 सीटों पर विजयी रही। तीन सीटों पर अन्य ने जीत हासिल की।
पूर्वी दिल्ली की कुल 63 सीटों में से भाजपा ने 48 सीटों पर विजय हासिल की। आप को यहां दस सीटों पर और कांग्रेस को तीन सीटों पर विजय मिली। अन्य यहां दो सीटों पर सफल रहे।
चुनाव नतीजों ने आप को राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के प्रयासों को खासा पीछे धकेल दिया है। भाजपा को साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आप से मिली चौंकाने वाली हार के बाद नगर निगम में एक बार फिर पूर्ण बहुमत की ओर ले जाने वाले परिणाम पार्टी के लिये स्थानीय राजनीति में शानदार वापसी का सबब बनेंगे। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनावों में जीत पर भाजपा को बधाई दी, कहा कि उनकी सरकार नगर निकायों के साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित है।
दूसरी ओर निगम चुनाव परिणाम आप के सियासी भविष्य के लिये संकट बढ़ाने वाले साबित हो सकते है। पंजाब, गोवा और राजौरी गार्डन के बाद निगम में आप की करारी हार को विपक्ष केजरीवाल सरकार के लिये ‘‘जनमत संग्रह’’ की तरह पेश कर रहा है। आप का अब तक का प्रदर्शन दिल्ली की राजनीति पर पार्टी की पकड़ को ढीला करने वाला साबित हो रहा है।
चुनाव परिणाम में तीसरे स्थान की ओर अग्रसर कांग्रेस को निगम चुनाव के जरिये दिल्ली में अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिशों को करारा झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने निगम चुनाव में कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेलने वाले परिणाम पूरी तरह से घोषित होने से पहले ही हार की जिम्मेदारी लेते हुये अपने इस्तीफे की पेशकश की है।