By अंकित सिंह | Jul 07, 2022
2024 के आम चुनाव में मुश्किल से डेढ़ साल का वक्त बचा है। केंद्र की मोदी सरकार लगातार जनमानस तक अपनी योजनाओं के जरिए पहुंचने की कोशिश कर रही है। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा भी अब अपने राजनीतिक समीकरणों को साधने और उसे धार देने की कोशिश में जुट गई है। 2019 में महाराष्ट्र में सत्ता में काबिज होने से चूकने वाली भाजपा ने आखिरकार सत्ता में वापसी कर ली है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत के बाद भाजपा मजबूत होकर उभरी। भाजपा ने एकनाथ शिंदे को समर्थन दिया और देवेंद्र फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बना दिया। इतना ही नहीं, विधानसभा स्पीकर के पद पर भी भाजपा नेता काबिज हो गए। भाजपा चाहती तो देवेंद्र फडणवीस आसानी से मुख्यमंत्री बन सकते थी। लेकिन 2024 के लिहाज से हिंदुत्व को धार देने की कोशिश में एकनाथ शिंदे को समर्थन देना भगवा पार्टी ने ज्यादा उचित समझा।
लोकसभा सीटें
महाराष्ट्र में 48 लोकसभा की सीटें हैं। पिछले चुनाव में भाजपा और शिवसेना एक होकर चुनावी मैदान में उतरी थी। भाजपा ने 23 जबकि शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। यानी कि महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन ने एकतरफा जीत हासिल की थी। 2024 में केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए महाराष्ट्र में इसी तरह का प्रदर्शन भाजपा के लिए जरूरी है। भगवा पार्टी को यह लगता था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चलने वाली महा विकास आघाडी की सरकार रहते हुए यह संभव नहीं है। यही कारण रहा कि भाजपा ने एकनाथ शिंदे को समर्थन देकर सत्ता में वापसी की।
गठबंधन पॉलिटिक्स को फेल करना
वर्तमान में देश की राजनीति को समझें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अकेला टक्कर देने वाला नेता फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है। यही कारण है कि भाजपा के समक्ष गठबंधन की राजनीति को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। वैचारिक तौर पर एक ना होने के बावजूद भी महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस एक साथ सरकार में थी। 2024 में यह तीनों मिलकर भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते थे। हालांकि अब महा विकास आघाडी की सरकार गिर गई है। ऐसे में भाजपा 2024 के हिसाब से अपनी राजनीति के ऊपर अच्छे से काम कर सकती है।
बुलेट ट्रेन परियोजना पकड़े गिरफ्तार
2019 में भाजपा के हाथ से महाराष्ट्र की सत्ता चली गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी परियोजना बुलेट ट्रेन को लेकर उधर सरकार से उतना सहयोग नहीं मिल रहा था। इस परियोजना का शिलान्यास 2017 में किया गया था। दावा था कि 2022 तक पहली बुलेट ट्रेन चल सकेगी। लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है। ऐसे में अब भाजपा ने एक बार फिर से सत्ता में वापसी की है। इस परियोजना को लेकर अब तेजी दिखाई जाएगी।
हिंदुत्व का एजेंडा
एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत करते हुए साफ तौर पर कहा था कि उद्धव ठाकरे बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व से भटक गए हैं। वह सत्ता के लिए कांग्रेस और एनसीपी के आधार पर चल रहे हैं। हालांकि, भाजपा और शिवसेना ऐसी पार्टी रही है जो खुद को हिंदुत्व बताने में कभी संकोच नहीं करती। अब जब एकनाथ शिंदे को भाजपा समर्थन दे रही है तो एक बार फिर से महाराष्ट्र में हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सकता है। इससे आगामी चुनाव में भाजपा के साथ-साथ एकनाथ शिंदे को भी लाभ मिल सकता है।
मुंबई पर पकड़
राजनीति के हिसाब से महाराष्ट्र अहम तो है ही साथ ही साथ अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण रहा कि केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा हमेशा महाराष्ट्र में अपनी सत्ता की चाहत रखती रही। 2019 में सत्ता से चूकने के बाद भाजपा ने आर्थिक राजधानी मुंबई से अपनी पकड़ को खो दिया। ऐसे में आप सत्ता वापसी कहीं ना कहीं उसके लिए आगे की राह में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।