By अनुराग गुप्ता | Jun 13, 2022
नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ की। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देशभर में सत्याग्रह किया और महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में ईडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी हुए। इस मामले को लेकर पुलिस ने भारी संख्या में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1937 में हुई थी और तब से ही कांग्रेस पार्टी इसे इमदाद करती आई है। मीडिया के लोगों को पता है कि प्रिंट मीडिया जहां जहां छप रहा है उसकी क्या स्थिति है, वो ज्यादातर घाटे में चलता है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार आजादी के बाद बहुत कमजोर हो गया, उसकी स्थिति बहुत खराब हो गई थी, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उनकी मदद की। भाजपा जब से सत्ता में आई है उसके बाद इसे एक मुकदमा बना कर पेश किया गया है।
कांग्रेस की देन है आधुनिक भारत
उन्होंने कहा कि 76 साल में आज अगर आधुनिक भारत बना है तो ये कांग्रेस की देन है। आजादी के पहले और आजादी के बाद जो त्याग, बलिदान दिया है वो कांग्रेस नेताओं ने दिया, उसे मोदी जी कभी याद नहीं करते हैं। मोदी जी ने इंदिरा गांधी जी की शहादत को कभी याद नहीं किया। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को इतना गुरूर है कि उन्हें जनता की कोई चिंता नहीं है वो सिर्फ धर्म के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं और उसमें वो सफल भी हो रहे हैं, लेकिन उसकी भी एक सीमा होती है।
दंगों की सरकार को नहीं है कोई चिंता
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि देश में दंगे हो रहे हैं, आग लग रही है, तनाव और झगड़े हो रहे हैं सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। विपक्ष लगातार ये कह रहा है कि प्रधानमंत्री जी को पूरे देश से अपील करनी चाहिए कि लोग आपसी भाईचारा बनाए रखें, पर ये कहने में भी संकोच है मोदी जी को और अमित शाह जी को।
लोकतंत्र का घोंटा जा रहा गला
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड के मामले में ईडी ने तलब किया है, इसके ख़िलाफ़ हमारे हजारों कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। हम इसका विरोध करते हैं।