By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 24, 2024
शिमला। कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सत्ता के लालच में उसके सदस्यों को भड़का कर उसकी सरकार गिराने की साजिश रचने का रविवार को आरोप लगाया। पार्टी की यह टिप्पणी नौ पूर्व विधायकों के शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होने के मद्देनजर आई है। इनमें कांग्रेस के छह अयोग्य विधायक और इस्तीफा दे चुके तीन निर्दलीय शामिल हैं, जिन्होंने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।
स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने यहां एक संयुक्त बयान में कहा, “ कांग्रेस के बागियों के भाजपा में शामिल होने से भाजपा का चाल, चेहरा और चरित्र जनता के सामने बेनकाब हो गया है और यह साफ हो गया है कि इस पूरे षडयंत्र के पीछे भाजपा का हाथ है।” नेताओं ने कहा कि जिन छह लोगों को विधानसभा सदस्यता से पहले ही अयोग्य ठहराया जा चुका है, उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को गिराने की साजिश रची।
तीन निर्दलीय विधायकों में आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर शामिल थे, जिन्होंने शुक्रवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। ये तीनों क्रमश: हमीरपुर, देहरा और नालागढ़ विधानसभा सीट से विधायक थे। कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों में सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो शामिल हैं। इन्हें हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपस्थित रहने तथा कटौती प्रस्ताव व बजट के दौरान राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी की एक व्हिप की अवज्ञा करने के लिए 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था।
मंत्रियों ने कहा कि जो नेता कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर जीते और जिन्हें विभिन्न पद दिए गए, वे अब पार्टी पर उंगली उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “सच्चाई यह है कि इन सभी बागियों ने निजी हितों के कारण कांग्रेस छोड़ी है और इसका राज्य के लोगों के हित से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस के छह विधायकों की अयोग्यता के बाद अब 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 40 से घटकर 34 रह गयी है। भाजपा के 25 विधायक हैं।