महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने खोले पत्ते, बदनापुर सीट से विधायक Narayan Kuche को मैदान में उतारा

By Anoop Prajapati | Oct 28, 2024

भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में फिलहाल बीजेपी ने कुल 99 कैंडिडेंट के नाम घोषित किए हैं। पूरे राज्य में 20 नवंबर को विधानसभा चुनावों के लिए वोट डाले जाएंगे। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा से मैदान में उतरेंगे। प्रदेश अध्यक्ष चंद्र शेखर बावनकुले कामठी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। तो वहीं पार्टी ने बदनापुर सीट से वर्तमान विधायक नारायण कुचे को एकबार फिर मैदान में उतारा है। महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं।


नारायण कुचे का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा


विधायक नारायण तिलकचंद कुचे का जन्म 2 जनवरी 1972 को महाराष्ट्र के बदनापुर में हुआ था। उनका प्रारंभिक जीवन समाज सेवा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता से भरा था, जिसने उनके राजनीतिक जीवन की नींव रखी। उनके प्रारंभिक जीवन और शिक्षा के बारे में विशेष विवरण उपलब्ध नहीं हैं।


राजनीतिक कैरियर पर दृष्टि


नारायण कुचे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। वे लगातार 2014 से महाराष्ट्र विधानसभा में बदनापुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक के रूप में कार्यरत हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा जमीनी स्तर पर सक्रियता से शुरू हुई, जहाँ उन्होंने स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े और उनकी चिंताओं को संबोधित किया। राजनीतिक क्षेत्र में उनका उदय सार्वजनिक सेवा के प्रति उनके समर्पण और मतदाताओं से जुड़ने की उनकी क्षमता से चिह्नित था।


प्रमुख राजनीतिक उपलब्धियां


विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हेंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों में बदनापुर में बुनियादी ढांचे में सुधार, सड़क विकास, विद्युतीकरण और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। उन्होंने कृषि पहलों को बढ़ावा देने, किसानों को संसाधनों और आधुनिक तकनीकों तक बेहतर पहुंच प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक उनके निर्वाचन क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण के लिए धन जुटाना शामिल है, जिससे निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। कृषि क्षेत्र में उनके प्रयासों से उत्पादकता में वृद्धि हुई है और स्थानीय किसानों के लिए बेहतर बाजार पहुंच बनी है।


राजनीतिक जीवन की प्रमुख पहल


नारायण कुचे का राजनीतिक एजेंडा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें किसानों के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जाता है। वे किसानों को वित्तीय सहायता और बीमा प्रदान करने के उद्देश्य से कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के प्रबल समर्थक रहे हैं। उनकी पहलों में युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना भी शामिल है, जिसने उनके निर्वाचन क्षेत्र में बेरोजगारी को कम करने में योगदान दिया है। कृषि पर ध्यान देने के अलावा, कुचे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता और शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं का समर्थन किया है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली है।


विकास कार्यों में योगदान


भारतीय जनता पार्टी के विधायक नारायण कुचे ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए मांग की है कि जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक कोई सरकारी भर्ती नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से जल संसाधन विभाग की 14 संवर्गों में 4,497 पदों के लिए सीधी भर्ती को स्थगित करने की मांग की। कुचे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में यह मांग व्यक्त की, जो मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल की उस अपील से मेल खाती है जिसमें उन्होंने मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने तक राज्य में भर्ती रोके जाने की अपील की थी।


कैसा है व्यक्तिगत जीवन


नारायण कुचे अपने विनम्र और मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। वे अपने मतदाताओं के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हैं, अक्सर गांवों का दौरा करते हैं और स्थानीय लोगों से बातचीत करते हैं ताकि उनके मुद्दों को सीधे तौर पर समझ सकें। अपने काम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में वफ़ादार अनुयायी अर्जित किए हैं।


विवादों से भी रहा नाता


छत्रपति संभाजीनगर के उस्मानपुरा इलाके में एक दुखद घटना में, जगदीश सुर भैया नाम के एक युवक ने आत्महत्या कर ली, उसने एक नोट छोड़ा जिसमें भाजपा विधायक नारायण कुचे और उसके भाई देवीदास कुचे का जिक्र था। युवक ने कथित तौर पर कुचे की क्रेडिट संस्था से लिए गए लोन को लेकर दबाव और धमकियों के कारण यह कदम उठाया। मामला तब और बिगड़ गया जब शिवसेना के पूर्व विधायक संतोष सांबारे ने नारायण कुचे और उनके भाई की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया।

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