By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 13, 2024
मैसूर (कर्नाटक) । कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रदेश के भाजपा सांसदों पर केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी को लेकर हो रहे ‘अन्याय’ के खिलाफ आवाज नहीं उठाने के लिए निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने लोगों से राज्य के साथ हो रहे इस ‘अन्याय’ के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि राज्य को 6,498 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि उत्तर प्रदेश को 31,987 करोड़ रुपये मिले हैं, जो दोनों राज्यों की केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बीच बहुत बड़ा अंतर दर्शाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को कर्नाटक के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। केंद्र का समर्थन करने वाले भाजपा नेता राज्य के लोगों को धोखा दे रहे हैं, चाहे वह प्रह्लाद जोशी हों या कोई और।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक से बहुत से सांसद गये हैं। उन्हें अपनी आवाजी उठाने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।’’ उन्होंने कहा कि राज्य को पांच वर्षों में केंद्रीय करों में हिस्सेदारी में 60,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इस मामले में सरकार के अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर, सिद्धरमैया ने कहा कि वह अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ इस पर चर्चा करेंगे।
इस मुद्दे पर एक बयान में सिद्धरमैया ने सवाल उठाया, ‘‘अपने खराब शासन के लिए बदनाम उत्तर प्रदेश को 31,962 करोड़ रुपये, बिहार को 17,921 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 13,987 करोड़ रुपये और राजस्थान को 10,737 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक के पसीने और मेहनत से उन राज्यों का विकास क्यों होना चाहिए जो कुशासन के कारण पिछड़ गए हैं।’’ हुब्बली के अल्पसंख्यक समुदाय के दंगाइयों को क्षमादान देने के कैबिनेट के फैसले पर सिद्धरमैया ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई नेताओं को भी रिहा किया गया था। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बृहस्पतिवार को हुब्बली शहर में 16 अप्रैल 2022 को पुलिसकर्मियों पर पथराव करने वाली भीड़ के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला वापस लेने का फैसला किया।