By अंकित सिंह | Aug 16, 2022
भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस को इतिहास के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है। साथ ही साथ उन्होंने कहा है कि इसे बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाजन को लेकर बच्चों को तथ्यात्मक ज्ञान देना जरूरी है। इसके लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में शामिल होने के बाद ही युवा पीढ़ी को इस बारे में सही जानकारी मिल पाएगी। इतिहास की गलतियों को दोबारा ना दोहराया जा सके, इसके लिए यह अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जो भी इतिहास की गलतियों से नहीं सीखता है, उसे अंत में पश्चाताप करना पड़ता है।
भाजपा सांसद ने साफ तौर पर लिखा है कि भारत विभाजन की विभीषिका मेरे ज्ञान के अनुसार विश्व इतिहास के सर्वाधिक क्रूरता पूर्ण घटना थी। इस घटना में लगभग 10 लाख लोगों की जान चली गई थी। लगभग 70 लोग लोगों को अपना घर द्वार, जमीन, जायदाद छोड़ना पड़ा था। महिलाओं की इज्जत लूटी गई थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि विभाजन की पीड़ा को कभी नहीं भूला जा सकता है और विभाजन के भविष्य का स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष मनाने से हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा बल्कि राष्ट्रीय एकता, सामाजिक भेदभाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि सत्य तो यह है कि हम अभी भी उन ऐतिहासिक तथ्यों पर निर्भर है जो यूरोपीय अथवा देश के कुटिल मानसिकता वाले इतिहासकारों ने अपने दृष्टिकोण से लिखे हैं।
अपने पत्र में भाजपा सांसद ने यह भी लिखा है कि इतिहास हमारे अतीत को जानने, वर्तमान को समझने एवं भविष्य को सुधारने का सबसे सवल माध्यम है। आपको बता दें कि 14 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भाजपा नेताओं की ओर से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा एक शांति मार्च में शामिल हुए थे। वहीं, प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा था कि आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर, मैं विभाजन के दौरानजान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं और हमारे इतिहास के उस दुखद काल के पीड़ितों के धैर्य और सहनशीलता की सराहना करता हूं। अमित शाह ने ट्वीट किया, 1947 में हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का वो अमानवीय अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। विभाजन की हिंसा और घृणा ने लाखों लोगों की जान ले ली व असंख्य लोगों को विस्थापित होना पड़ा।