By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 03, 2021
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दावा किया कि भाजपा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को जल्द लागू करने का झूठा वादा कर मतुआ समुदाय को ठगने का प्रयास कर रही है, क्योंकि कानून के नियमों को बनाने की समयसीमा जुलाई तक बढ़ा दी गई है। मतुआ बांग्लादेश से आया प्रवासी समुदाय है। राज्य के मंत्री ब्रत्या बसु ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भगवा दल विधानसभा चुनाव से पहले रथ यात्रा का आयोजन कर समर्थन हासिल करने की योजना बना रहा है, लेकिन व्यक्तिगत लाभ के लिए उसकी फर्जी और विभाजनकारी राजनीति उजागर हो गई है।
टीएमसी नेता ने कहा कि भाजपा असम और बंगाल में सीएए को लागू करने को लेकर विभाजनकारी राजनीति कर रही है, लेकिन उसे इसकी परवाह नहीं है कि इससे पड़ोसी राज्य में अन्य सहित हिंदू आबादी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है। बसु ने पार्टी मुख्यालय में कहा, राज्य में मतुआ समुदाय को लुभाने के लिए भगवा खेमे की फर्जी राजनीति का पर्दाफाश मंगलवार को गृह मंत्रालय द्वारा लोकसभा में सीएए पर दिए गए बयान ने कर दिया। उन्होंने कहा कि सीएए नियमों को तैयार करने की समयसीमा बढ़ा दी गई है और विधानसभा चुनाव से पहले कानून लागू नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में संसद को बताया कि संशोधित नागरिकता कानून-2019 के तहत नियमों तैयार किया जा रहा है। इन्हें तैयार करने के वास्ते लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान संबंधी समितियों के लिए अवधि बढ़ाकर क्रमश: नौ अप्रैल और नौ जुलाई कर दी गई है। टीएमसी नेता ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तरी 24 परगना में मतुआ समुदाय के गढ़ में पिछले हफ्ते अपनी जनसभा को शायद इसलिए रद्द कर दिया था क्योंकि वह उनसे सीएए लागू करने का किया गया वादा पूरा नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि समुदाय को इस घटनाक्रम पर नाराज होने का हक है। बसु ने केंद्र सरकार से नागरिकता कानून पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। शाह का 30 जनवरी से राज्य का दो दिवसीय दौरा था जिसे दिल्ली में इज़राइली दूतावास के पास कम तीव्रता के आईईडी विस्फोट होने के बाद रद्द कर दिया गया था। सीएए को 2019 में संसद में पारित किया गया था।