By अनन्या मिश्रा | Aug 30, 2024
भारतीय राजनीतिज्ञ और वकील रवि शंकर प्रसाद आज यानी की 30 अगस्त को अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं 17वीं लोकसभा में भारत सरकार में 'इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री' भी रह चुके हैं। वर्तमान समय में वह संसद में राज्यसभा सदस्य हैं और बिहार का प्रतिनिधित्व करते हैं। रवि शंकर प्रसाद सालों तक भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा और पार्टी संगठन में राष्ट्रीय स्तर के पद को संभालते रहे हैं। तो आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर रवि शंकर प्रसाद के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
बिहार के पटना में 30 अगस्त 1954 को कायस्थ परिवार में रवि शंकर प्रसाद का जन्म हुआ था। शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स), राजनीति विज्ञान से एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की। इनके पिता का नाम ठाकुर प्रसाद था, जोकि पटना उच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित वकील थे। 03 फरवरी 1982 को रवि शंकर का विवाह डॉ माया शंकर के साथ हुआ। उनकी पत्नी पटना विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर भी रही हैं।
राजनीतिक जीवन की शुरूआत
बता दें कि साल 1970 में रवि शंकर प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर हुई थी। उस दौरान उन्होंने देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। साथ ही वह जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चल रहे छात्र आंदोलन में ABVP के सक्रिय नेता के तौर पर भी काम करते रहे। रवि शंकर प्रसाद अपने कॉलेज के दिनों में पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के सहायक महासचिव बने। फिर साल 1995 में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे।
अपने कड़े तेवरों के कारण रवि शंकर प्रसाद अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। वह अपने छात्र जीवन में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट तथा वित्त समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले का आरोप लगा था। तब कोलतार घोटाले में रवि शंकर प्रसाद जनहित याचिका पर बहस करने वाले प्रमुख वकील थे।
इसके अलावा वह उच्च न्यायालय में कई मामलों में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के भी वकील रह चुके हैं। साल 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ काफी लंबे समय से चल रहे अयोध्या केस में तीन अधिवक्ताओं में से एक रवि शंकर प्रसाद भी थे। वहीं साल 2000 में रवि शंकर प्रसाद सांसद बनें और फिर साल 2001 में वाजपेयी सरकार में कोयला एवं खान राज्य मंत्री रहे।
बता दें कि वह भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता हैं। वहीं रवि शंकर प्रसाद को 01 जुलाई 2002 को विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्यमंत्री का अतिरिक्त भार सौंपा गया। इसके अलावा उन्होंने सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री के रूप में टेलीविजन, रेडियो और एनिमेशन क्षेत्र में सुधार करने और गोवा में आईएफएफआई केंद्र की स्थापना की शुरूआत की।