By अंकित सिंह | Aug 10, 2022
बिहार में नीतीश कुमार ने एक बार फिर से एनडीए गठबंधन से रिश्ता तोड़ लिया है। अब वह राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। भाजपा लगातार इसे जनादेश का अपमान बता रही है। यही कारण है कि आज भाजपा नेताओं ने पटना में जबरदस्त तरीके से विरोध प्रदर्शन किया है। भाजपा के विरोध प्रदर्शन में केंद्रीय और राज्य के नेता शामिल हुए हैं। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय ने कहा कि 1974 के आंदोलन (बिहार आंदोलन) में, युवाओं ने बलिदान दिया - नीतीश कुमार ने कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन करके उनके खून को धोखा दिया। उन्होंने सवाल किया कि 15 साल लंबे आतंक और अराजकता से समझौता करने का क्या मतलब है?
नित्यानंद राय ने आगे कहा कि राजद और तेजस्वी यादव के साथ जाना बिहार की जनता और जनादेश, लोहिया-जेपी-जॉर्ज की विचारधाराओं के साथ विश्वासघात है। कांग्रेस-राजद के साथ जाना साबित करता है कि नीतीश कुमार सत्ता में रहने के लिए सब कुछ करते हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि 2017 में नीतीश कुमार ने कहा था कि राजद जद (यू) को तोड़ने की कोशिश कर रहा है। अब उन्होंने कहा कि भाजपा उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है। भाजपा से अलग होने का उनका फैसला सोच-समझकर किया गया था। यदि कोई नेता अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के अनुसार काम करता है, तो बिहार उसे करारा जवाब देगा।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हम नीति और नियत के साथ चलते हैं, इनके मन में महत्वाकांक्षा सिर पर नाचने लगी। कुछ बहाना तो चाहिए...अगर हमें खत्म करना होता तो 43(JDU विधानसभा सीटें) और 74(भाजपा विधानसभा सीटें) की कोई तुलना थी क्या? भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया कि भ्रष्टाचार के गोद में नीतीश जी फिर से चले गए। उन्होंने 2017 में क्या कहा था? रेलवे भर्ती, मॉल, रेलवे होटल को रांची में बेचने के मामले में भारी घपला हुआ है। तेजस्वी ने कहा था कि मैं अपने वकील से बात करूंगा। क्या अब नीतीश जी को जबाव मिल गया?