By अंकित सिंह | Nov 03, 2020
बनते बिगड़ते रिश्तों के बीच चुनाव के दौरान भले ही भाजपा और जदयू अपने आप को एक दिखाने की कोशिश कर रही हों परंतु यह बात भी सच है कि कहीं ना कहीं दोनों पार्टियों के बीच दूरियां भी हैं। तभी तो यह दूरियां समय-समय पर उजागर भी होती रहती हैं। इसी को देखते हुए दोनों दलों ने आपसी सामंजस्य बैठाने के लिए बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया है। वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठके हो रही हैं तो वहीं जमीनी स्तर पर भी कार्यकर्ताओं के बीच यह लगातार जारी है। भाजपा और जदयू की ओर से कार्यकर्ताओं को लगातार यह संदेश दिया जा रहा है कि दोनों दलों के बीच कोई भी दूरियां नहीं है और ना ही कोई मनमुटाव है। दोनों दल मिलकर बिहार में चुनाव लड़ रहे हैं और इसके मुखिया नीतीश कुमार ही हैं।
भाजपा और जदयू के बीच दरार की खबरों को बल तब मिला जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने स्वीकार किया कि हां, एनडी नेताओं के बीच सामंजस्य नहीं होने की खबर लगातार मिल रही है। इससे पहले राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने एक जनसभा में यह आरोप तक लगा दिया था कि जेडीयू के सांसद अजय मंडल गठबंधन के विरोध में काम कर रहे हैं। सुशील मोदी ने उन्हें भितरघात ना करने की चेतावनी दी। सुशील मोदी ने यह भी कह दिया कि मैंने अजय मंडल से फोन पर बात करके कहा कि आप भाजपा और जदयू के कारण ही सांसद बने हैं। ऐसे में आप मतदाताओं में भ्रम ना फैलाएं।
निर्दलीय प्रत्याशी अमन कुमार का समर्थन और भाजपा का विरोध करने का जदयू सांसद अजय मंडल का ऑडियो भी वायरल हुआ है। हालांकि अपनी सफाई में अजय मंडल ने कहा कि मैंने कोई गठबंधन विरोधी काम नहीं किया। ना मैं लल्लन के साथ हूं और ना ही अमन के साथ। मैं एनडीए के साथ हूं और एनडीए के उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहा हूं। हालांकि यह सिर्फ एक जगह की बात नहीं है बल्कि बिहार में ऐसे कई जगह हैं जहां पर दोनों दलों के बीच टकराव की खबरें आ रही हैं। जदयू ने तो इशारों इशारों में इतना तक कह दिया था कि भाजपा की ही इशारे पर चिराग पासवान नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। हालांकि जदयू ने कभी खुले तौर पर भाजपा का नाम लेकर यह आरोप नहीं लगाया है। अब इन्हीं भ्रमों को कम करने के लिए दोनों दल आपस में मिलकर सामंजस्य बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए जदयू की ओर से खास करके यह कहा गया है कि दोनों दलों के नेता एक दूसरे दल के नेता को अपने घर पर बुलाएंगे और मिल-बैठ कर बात करेंगे।
इसके अलावा जदयू की ओर से अखबारों में एक तस्वीर भी विज्ञापन के तौर पर छपवाया गया है। इस तस्वीर में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एक साथ हैं। खास बात यह है कि दोनों ही नेताओं की तस्वीर बराबर साइज की लगाई गई है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बचे हुए वोटिंग से पहले जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को संदेश दिया जा रहा है कि दोनों दलों के बीच किसी भी किस्म की दूरियां नहीं हैं। दोनों दलों के नेताओं से कह दिया गया है कि वह अपने अपने स्तर पर इस कंफ्यूजन को दूर करें। दोनों दलों के बड़े नेताओं ने इस दूरी को कम करने की कवायत भी शुरू कर दी है।