By अंकित सिंह | Jun 18, 2021
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। मिशन 2022 में कामयाबी की गाथा लिखने के लिए भाजपा अलग-अलग तरह की रणनीति बना रही है। साथ ही साथ इन रणनीति को अमल में लाने की भी कोशिश की जा रही है। दलित और पिछड़े वर्ग से आने वाले नेताओं को महत्वपूर्ण ओहदे सौंपे जा रहे है। हाल में ही उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष सहारनपुर के जसवंत सैनी को बनाया गया है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष आगरा के पुराने भाजपा नेता डॉक्टर रामबाबू हरित को बनाया गया है। इसके अलावा एससी एसटी आयोग में भी सदस्यों को शामिल किया जा रहा है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में नेतृत्व को लेकर पिछले कई दिनों से अटकलों का बाजार गर्म है। इन सबके बीच संगठन में सबको साथ लेकर चलने की कवायद शुरू हो गई है। पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी अब शामिल किया जा रहा है। जसवंत सैनी के जरिए पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश की जा रही है। जसवंत सैनी एबीवीपी के साथ-साथ भाजयुमो में भी कई पदों को संभाल चुके हैं। पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। शामली जिले के जिला प्रभारी का भी काम संभाला है। पिछड़ा वर्ग में दो उपाध्यक्ष हीरा ठाकुर और रघुनाथ चौहान को बनाया गया है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में समीकरणों को साधने के लिए भाजपा संगठन में कई और नियुक्तियां कर सकती हैं। सबसे खास बात है कि भाजपा पुराने और कद्दावर नेताओं को महत्व देने की कोशिश कर रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई नेताओं ने पार्टी संगठन में विस्तार नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई थी। हालांकि, यह बात भी सच है कि वर्तमान समय में हो रहे बदलाव कहीं ना कहीं चुनाव को देखते हुए किए जा रहे हैं।