By अंकित सिंह | Jul 06, 2022
तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। दरअसल, देवी काली को लेकर एक टीवी कार्यक्रम में उनके द्वारा की गई टिप्पणी के बाद विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर महुआ मोइत्रा के खिलाफ कई जगह एफआईआर दर्ज भी की जा चुकी है। महुआ मोइत्रा को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा जबरदस्त तरीके से ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर है। पश्चिम बंगाल भाजपा की ओर से महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा जा रहा है। महुआ मोइत्रा पर भोपाल में भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में आईपीसी की धारा 295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। आज महुआ मोइत्रा के खिलाफ बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कई जगह विरोध प्रदर्शन भी किया और उनके गिरफ्तारी की मांग की है।
इन सबके बीच बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का भी बयान सामने आ गया है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि सनातन लोगों सहित हम सभी उनकी (महुआ मोइत्रा की) गंदी टिप्पणियों के खिलाफ कृष्णा नगर में एक रैली निकालेंगे ... अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो अगले सप्ताह हम पुलिस की निष्क्रियता के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने दावा किया कि टीएमसी हिंदू विरोधी पार्टी है, तुष्टिकरण की राजनीति, रोहिंग्याओं का समर्थन करती है। भाजपा विधायक अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार और राज्य पुलिस (भाजपा की निलंबित प्रवक्ता) नुपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के लिए बहुत सक्रिय रही है। लेकिन, उन्होंने महुआ मोइत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस नेताओं के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते। हम 10 दिन इंतजार करेंगे और फिर अदालत का रुख करेंगे।
दूसरी ओर भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म के नियमों के अनुसार, देवी काली की पूजा एक ऐसी देवी के रूप में कभी नहीं की जाती जो मदिरापान करती हों और मांस भक्षण करती हों। हिंदू सदियों से देवी काली को बुराई के खिलाफ शक्ति के प्रतीक के रूप में पूजते रहे हैं। उनकी (मोइत्रा की) टिप्पणियों से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हम देवी काली पर की गई टिप्पणी के लिए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग करते हैं। गौरतलब है कि मोइत्रा ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें ‘‘एक व्यक्ति के रुप में काली देवी को मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है’’ क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को अपने तरीके से देवी-देवताओं की पूजा करने का अधिकार है।