By अनन्या मिश्रा | Sep 15, 2023
कर्नाटक चुनाव के बाद दक्षिण भारत के इकलौते राज्य तेलंगाना में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी के हाथों से कर्नाटक छीन लिया है। इसलिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद तेलंगाना विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए काफी अहम हो जाता है। पंजाब में सरकार गंवाने और हिमाचल में सरकार बनाने के बाद 2023 में कांग्रेस की ये पहली बड़ी जीत है। ऐसे में कांग्रेस के लिए तेलंगाना विधानसभा चुनाव उम्मीद जगाती है, तो वहीं बीजेपी को आगाह करती है।
साल 2023 में नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और कर्नाटक में अब तक चुनाव हो चुके हैं। जहां त्रिपुरा में BJP ने सत्ता में वापसी की, तो वहीं नागालैंड और मेघालय में BJP गठबंधन सरकार की स्थिति को दोहराने में कामयाब हुई। ऐसे में कर्नाटक छिन जाने के बाद BJP के पास मौका है कि वह आंशिक और मनोवैज्ञानिक सियासी बढ़त के प्रभाव को कम कर सकती है।
तेलंगाना में बीजेपी की स्थिति
बता दें कि बीजेपी के लिए तेलंगाना का खास महत्व है। हालांकि यहां पर बीआरएस की सरकार है। वहीं सीएम के. चंद्रशेखर राव देश में भाजपा विरोधी सियासत का केंद्र बनने को आतुर है। वहीं इस राज्य में बीजेपी का प्रदर्शन कमजोर रहता है। ऐसे में एक बार फिर KCR का महत्व बढ़ने की उम्मीद है। तेलंगाना में अब भी बीजेपी मजबूत ताकत नहीं बल्कि उभरती हुई मजबूत ताकत जरूर है। ऐसे में बीजेपी के पास मौका है कि तेलंगाना के साथ वह देशभर में संदेश दे सके कि दक्षिण में अभी भी कमल मुरझाया नहीं है।
बीजेपी के लिए कर्नाटक सियासत के लिए ना तो आखिरी अवसर था और ऐसा भी नहीं है कि बीजेपी, कांग्रेस की इस बढ़त को संतुलित नहीं कर सकती है। ऐसे में तेलंगाना फतह कर बीजेपी यह संदेश दे सकती है कि बीजेपी दमदार वापसी का दमखम अभी भी रखती है। पिछले विधानसभा चुनाव यानी साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को तेलंगाना के महज एक सीट पर जीत मिली थी। इसके बाद साल 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिला था। वह चार सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
विधानसभा क्षेत्र के लिहाज से देखें तो बीजेपी 1 सीट जीतने में सफल रही थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में चार सीटों पर जीत हासिल की। उस लिहाज से 21 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी को बढ़त मिली थी। इस प्रदर्शन ने विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में तेलंगाना बीजेपी में उत्साह का संचार कर दिया। वहीं साल 2020 में ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल चुनाव के नतीजों ने सारी सियासी समीकरण बदल दिए थे।
ऐसे करेगी फतह
तेलंगाना में कमल खिलाने का जिम्मा बीजेपी ने राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल को सौंपा गया है। बीजेपी को यूपी में जिताने का ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए तेलंगाना का प्रभार बंसल को सौंपा गया है। इसके बाद बंसल ने राज्य में बूथ स्तर की तैयारियां तेज कर दी हैं। बीजेपी हाईकमान ने बूथ कमेटियों के गठन के साथ ही प्रदेश नेतृत्व को आपसी मनमुटाव दूर किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पार्टी के दिग्गजों को यह भी निर्देश दिया गया है कि लोगों के घरों-घरों तक केंद्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर जाएं।