By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 05, 2020
नयी दिल्ली। भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर विचार-विमर्श करने तथा पार्टी के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए रविवार की शाम यहां बैठक की। इससे पहले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को उस समय झटका लगा जब केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने राज्य में राजग से अलग होने का फैसला कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और सीईसी के अन्य सदस्य इस बैठक में शामिल हुए। राजग ने अब तक अपने सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे की घोषणा नहीं की है। गठबंधन में लोजपा के नहीं रहने से ऐसी संभावना है कि भाजपा और जद (यू) समान रूप से सीटों का बंटवारा करेंगे तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी नीत पार्टी हम के लिए कुछ सीटों को छोड़ा जा सकता है।
एक सूत्र ने कहा कि दोनों प्रमुख दल 119-119 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं तथा मांझी के लिए पांच सीटें छोड़ी जाएंगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय अभी लिया जाना बाकी है। इससे पहले दिन में गृह मंत्री शाह और नड्डा सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर विचार-विमर्श किया। राजग ने बिहार में जद (यू) अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनाव के लिए गठबंधन का नेता घोषित किया है। लोजपा ने भाजपा की सराहना की लेकिन कहा कि वह कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेगी। बिहार में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को होंगे तथा 10 नवंबर को मतगणना होगी। पहले चरण में 71 सीटों के लिए चुनाव होंगे और इसके लिए नामांकन प्रक्रिया एक से आठ अक्टूबर के बीच चलेगी। प्रदेश विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं।