By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 20, 2019
नयी दिल्ली। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के तालमेल में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) को एक भी सीट नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए पार्टी के नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बुधवार को कहा कि उनकी उपेक्षा की गई है और इस फैसले पर दोनों पार्टियों को पुनर्विचार करना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उनसे संपर्क किया है, लेकिन वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा और शिवसेना उन्हें सीट नहीं देते हैं तो उनकी पार्टी को आगे की रणनीति पर विचार करना पड़ेगा।
महाराष्ट्र में बनी सहमति के अनुसार, भाजपा 25 और शिवसेना 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने कहा, ‘‘ रिपब्लिकन पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ने की घोषणा बहुत गंभीर बात है। मैं खुश नहीं हूं। नाराज हूं। उन्होंने दलित समाज की उपेक्षा की है, आरपीआई की उपेक्षा की है और मेरी उपेक्षा की है। दलित समाज में भी तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2014 में हमारी पार्टी के लिए एक सीट (सतारा) छोड़ी गई थी। मैंने बार बार कहा था कि भाजपा और शिवसेना को साथ आना चाहिए। अब वे साथ आए हैं तो अच्छी बात है, लेकिन आरपीआई को भूलना ठीक बात नहीं है। हमारी महाराष्ट्र में ताकत है और आरपीआई के वोटों की बदौलत इनको जीत भी मिली। अगर हमें साथ नहीं लेते हैं तो इनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।’’
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आठवले ने कहा, ‘‘भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलकर बात करूंगा। उन्हें इस फैसले के बारे में फिर से विचार करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने खुद दक्षिण-मध्य मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा प्रकट की है और दोनों दलों को मेरे लिए सीट छोड़नी चाहिए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के साथ जा सकते हैं तो आठवले ने कहा, ‘‘हमारे पास बहुत रास्ते हैं। कांग्रेस और राकांपा ने मुझसे संपर्क किया है। लेकिन हम मोदी जी के साथ रहना चाहते हैं और उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं।’’