Uttar Pradesh में भाजपा का Mayor सहित निगम के सभी वार्ड को जीतने का लक्ष्य, टिकट की मारामारी भी जारी

By प्रेस विज्ञप्ति | Apr 14, 2023

नगर निकाय चुनाव 2023 को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है। वाराणसी में नगर निकाय चुनाव में बीजेपी का दबदबा रहा है लेकिन, भाजपा किसी भी तरह का जोखिम लेने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि निकाय चुनाव ऐलान के बाद राजनीतिक पार्टियां मानकों के आधार पर योग्य प्रत्याशी तलाश कर रही है। योग्य प्रत्याशी के लिए जो पहला मानक जिताऊ होना है। सपा, कांग्रेस व बसपा के बीच ज्यादा मारामारी भाजपा के टिकट को लेकर है। पार्टी मेयर सहित नगर निगम के सभी वार्ड को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है। पार्टी नेतृत्व इस मानक पर समझौता करने को तैयार नहीं है। इसके अलावा जिन मानकों पर प्रत्याशियों के चयन को आंतरिक सर्वे कराया जा रहा है, उनमें पार्टी कार्यक्रमों में सक्रियता, संगठन में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य, क्षेत्र में प्रभाव, सामाजिक व जातीय समीकरण, लोकप्रियता आदि शामिल हैं। इसे लेकर जिले के वरिष्ठ पदाधिकारियों का फीडबैक भी लिया जा रहा है। माना जा रहा है कि मेयर के लिए पीएम मोदी की ही फैसला अंतिक होगा। हालांकि, कई आरएसएस के करीबी भी इस रेस में शामिल हैं।

 

फिलहाल, इस बार का निकाय चुनाव काफी दिलचस्प होगा. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी अपनी सीटों को बचाने के लिए पूरी ताकत लगाएगी वहीं सपा-बसपा और कांग्रेस भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश करेगी. भाजपा में मेयर पद के लिए पार्टी और संगठन से अस्सी से ज्यादा लोगों ने दावेदारी की है। सभी ने अपने काम को दस्तावेजी स्वरूप देकर पार्टी के पदाधिकारियों को अपना दावा पेश किया है। इस लिस्ट में प्रदेश प्रवक्ता से लेकर काशी प्रांत का अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष समेत पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य समेत अलग अलग प्रकोष्ठ के कई पदाधिकारी अपना दावा पेश कर रहे हैं। इन दावेदारों के बीच किसी एक का चयन पार्टी के लिए इस बार बेहद चुनौतीपूर्ण है। बड़े नाम में काशी प्रांत के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव, महनगर अध्यक्ष विद्यासगर राय, वाराणसी व्यापार मंडल के अजीत सिंह बग्गा, प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडे, अशोक चौरसिया, अशोक सिंह, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र सिंह, मीना चौबे, आरके चौधरी समेत कई दिग्गज मेयर पद के लिए दौड़ में शामिल हैं। खास यह है कि इन नामों से हटकर भी किसी उम्मींदवार का ऐलान होने से इनकार नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि इन नामों को लेकर पार्टी के जनप्रतिनिधि भी बंटे हुए हैं। हर कोई किसी न किसी के समर्थन में खड़ा है। ऐसे में पार्टी द्वारा देखा जा रहा है कि इनमें से पार्टी को कौन सबसे बड़ी जीत दिला सकता है।

 

बीजेपी नेता मदन मोहन दुबे का दावा है कि उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं, मुद्दों और अपनी सरकारों की उपलब्धियों के दम पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी के पास हर वर्ग से दर्जनों मजबूत नेता मैदान में हैं। पार्टी इस बार वाराणसी में इतिहास रचेगी। दूसरी तरफ सपा नेता इमरान खां का दावा है कि वाराणसी को उसके नाम व पहचान के मुताबिक अपेक्षित विकास नहीं मिल सका है। जनता के मन में इसकी कसक है। यही वजह है कि लोग इस बार यहां बदलाव की तैयारी में है और समाजवादी पार्टी को ही वोट करेंगे। चुनाव मैदान में वैसे तो कांग्रेस-बीएसपी और आम आदमी पार्टी भी लड़ेंगी, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी और सपा में ही सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है। सपा से दावेदारों में ओपी सिंह, मनोज राय, धुपचंडी और लक्ष्मीकान्त मिश्र उर्फ किशमिश गुरु का नाम है।

 

28 साल से है भाजपा का कब्जा

वर्ष 2017 में महापौर पद के लिए सीट अनारक्षित की गई थी। उस समय रामगोपाल मोहले महापौर का चुनाव जीते थे। नगर निगम में 1995 से लेकर अब तक यह सीट भाजपा के खाते में गई है। नगर निगम से पहले महापालिका थी। नगर निगम की महापौर सीट पर बीते 28 साल से भाजपा का कब्जा रहा है। ऐसे में भाजपा के इस मजबूत गढ़ में सेंधमारी करना कांग्रेस, बसपा और सपा के लिए मुश्किल होगा।

 

नगर निगम में अब तक के महापौर का कार्यकाल

सरोज सिंह – 30 नवंबर 1995 से 29 नवंबर 2000 (ओबीसी महिला)

अमरनाथ यादव – 30 नवंबर 2000 से 20 जनवरी 2006 (ओबीसी पुरुष)

कौशलेंद्र सिंह – 17 नवंबर 2006 से 19 जुलाई 2012 (ओबीसी पुरुष)

रामगोपाल मोहले – 20 जुलाई 2012 से अगस्त 2017 (अनारक्षित)

मृदुला जायसवाल – 12 दिसंबर 2017 से 6 जनवरी 2023 (ओबीसी महिला)


नगर निगम बनने से पहले नगर प्रमुख

कुंजबिहारी गुप्ता – एक फरवरी 1960 से 30 अप्रैल 1962

बृजपाल दास – एक मई 1962 से 31 जनवरी 1966

श्याम मोहन अग्रवाल – पांच जुलाई 1968 से पांच जुलाई 1970

सरयू प्रसाद दूबे – छह जुलाई 1970 से पांच जुलाई 1971

पूरन चंद्र पाठक – छह जुलाई 1971 से 30 जून 1973 तक

मोहम्मद स्वालेह अंसारी – 12 फरवरी 1989 से पांच फरवरी 1994

 

एक नजर में आंकड़े

नगर निगम में कुल वार्ड – 100

नगर निगम में मतदाताओं की संख्या – 15,89,527

नगर पंचायत गंगापुर में कुल वार्ड – 10

नगर पंचायत गंगापुर में मतदाताओं की संख्या -6873

 

प्रशासन की तरफ से जारी अंतिम सूची के मुताबिक, नगर निगम में मतदाताओं की कुल संख्या 16,11,536 हो गई है। इससे पहले 15,89,527 मतदाता थे। अंतिम सूची में 22,009 मतदाता बढ़े हैं। इसी तरह गंगापुर नगर पंचायत में मतदाताओं की संख्या घटकर 6,728 हो गई है। इससे पहले 6,873 मतदाता थे। 

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