बिमल जालान समिति ने की हर 5 साल में आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा की सिफारिश

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 28, 2019

मुंबई। रिजर्व बैंक की बिमल जालान समिति ने संशोधित आर्थिक पूंजी नियम की हर पांच साल में समीक्षा करने की सिफारिश की है। इसी नियम के तहत आरबीआई ने 52637 करोड़ रुपये का अधिशेष सरकार को स्थानांतरित करने का फैसला किया है। 

इसे भी पढ़ें: ISRO ने ‘चंद्रयान-2’ को चांद की कक्षा में आगे बढ़ाने की तीसरी प्रक्रिया पूरी की

केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को समिति की रिपोर्ट जारी की। इसमें सिफारिश की गयी है कि आरबीआई वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेखा वर्ष (जुलाई-जून)को वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) के साथ समायोजित कर सकता है। 

इसे भी पढ़ें: देश को जरूरत के समय अगर खजाना खोल दिया तो क्या बुरा कर दिया ?

आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने सोमवार को जालान के नेतृत्व वाली समिति की सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। जालान रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर हैं। आरबीआई के मौजूदा ईसीएफ की समीक्षा के लिए सरकार के साथ मशविरा कर रिजर्व बैंक ने समिति का गठन किया था। समिति ने 14 अगस्त को गवर्नर शक्तिकांत दास को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।

 

प्रमुख खबरें

पूर्व PM मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में दिल्ली के AIIMS में ली अंतिम सांस

सक्रिय राजनीति फिर से होगी रघुवर दास की एंट्री? क्या है इस्तीफे का राज, कयासों का बाजार गर्म

क्या इजराइल ने सीरिया में फोड़ा छोटा परमाणु बम? हर तरफ धुंआ-धुंआ

1,000 नए रंगरूटों को दिया जाएगा विशेष कमांडो प्रशिक्षण, सीएम बीरेन सिंह ने दी जानकारी