इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के समीप टेकरी पर देवी के नौ स्वरूपों में विराजित प्राचीन बिजासन माता मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यहां नवरात्री में तो भक्तों की भीड़ रहती ही है लेकिन आम दिनों में भी यहां माता के दर्शन हेतु भक्तों का आवागन लगा रहता है। पहाड़ी पर विराजीत बिजसान माता के दर्शन मात्र से ही कई प्रकार के रोग और कष्ट दूर होते है। पहाड़ी पर विराजीत होने से बिजासन माता को तेकरीवाली माता के नाम से भी जाना जाता है। बिजासन माता को पुत्रदायिनी भी माना गया है। माता सुनी गोद भी भरती है। टेकरी से इंदौर का नजारा देखने में इंदौर का मनोरम दृष्य दिखाई देता है जो मन को सुकुन देता है। हजारों वर्ष पुराने बिजासन माता के मंदिर का निर्माण महाराजा शिवाजीराव होलकर ने करवाया था।
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1760 में महाराजा होलकर ने करवाया था मंदिर निर्माण-
देवी दुर्गा बिजासन माता के रूप में 9 देवियों के स्वरूप में विराजित है। नवरात्री में बिजासन माता के दर्शन करने की काफी मान्यताएं है। मंदिर पर नवरात्री में अनेक आयोजन होते है। साथ ही इंदौर नगर से चुनरी यात्रा निकालकर माता को चुनरी भी ओढ़ाई जाती है। मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। मंदिर के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि एक जमाने में बिजासन टेकरी पर काले हिरणों का जंगल था। तंत्र- मंत्र और सिद्धी के लिए उन दिनों मंदिर ने अपनी पहचान बनाई थी। चबूतरे पर विराजीत बिजासन माता से महाराजा ने रण जितने की मन्नत ली थी। महाराजा की शिवाजीराव होलकर ने मन्नत पूरी होने पर 1760 में मंदिर का निर्माण करवाया था। जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे बिजासन माता मंदिर पर अनेक चमत्कार हुए और आस्था बढ़ती गई।
मछलियों को दाना खिलाने से होती है मुराद पूरी-
बिजसान माता मंदिर पर चैत्र और शारदीय नवरात्री में मेला लगता है। माता के मंदिर के समीप ही टेकरी पर एक छोटा सा तालाब है। जहां बड़ी संख्या में मछलियां है। तालाब को लेकर यह मान्यता है कि बिजासन माता के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को मछलियों को दाना खिलाने से माँ उनकी मनोकामना जरूर पूरी करती है। साथ ही इन मछलियों को दाना खिलाने से पुण्य भी मिलता है। जब भी आप माता के दर्शन करने जाएंगे तो टेकरी पर मौजूद इस तालाब पर आपको सैकड़ो भक्त मछलियों को दाना खिलाते जरूर नजर आएंगे।
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पुत्रदायिनी है बिजासन माता-
बिजसान माता अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करती है। एक अनुमान के मुताबिक नवरात्री में तीन लाख से अधिक भक्त माता के दर्शन करने यहां पहुंचते है। बिजानसन माता को सौभाग्य और पुत्रदायिनी माना जाता है। इंदौर ही नहीं प्रदेश भर से नवविवाहित जोड़े यहां पहुचंकर माता के दर्शन-पूजन करते है। बिजासन माता को पुत्रदायिनी कहां गया है। यहां महिलाएं अपनी सूनी गोद लेकर आती है और माता से मन्नत लेने पर माता उनकी सूनी गोद भरती हैं। नवरात्री में यहां पानी से दीपक जलने की मान्यताएं भी है।
- कमल सिंघी