By अंकित सिंह | Feb 22, 2023
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी कभी कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसकी चर्चा होती है। दरअसल, मंगलवार को बिहार सरकार के चौथे कृषि रोडमैप का उद्घाटन समारोह था। इस दौरान बिहार में तरक्की कर रहे किसान और कृषि उद्यमी अपनी रोमांचक जीवन यात्रा के बारे में बता रहे थे। इसी कड़ी में एक किसान ने अपने भाषण में बहुत अधिक अंग्रेजी के शब्दों का उपयोग किया जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हो गए और भड़कते हुए पूछा कि क्या यह इंग्लैंड है...? दरअसल, बापू सभागार में किसान ने खुद का परिचय लखीसराय के अमित कुमार के रूप में दिया था।
नीतीश कुमार ने कियान को टोकते हुए कहा कि खेती आम आदमी करता है। आपको यहां सुझाव देने के लिए बुलाया गया है और आप अंग्रेजी बोल रहे हैं। क्या ये इंग्लैंड है? ये भारत है और ये बिहार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लोग मोबाइल पर देख कर अपनी भाषा को भूल रहे हैं। मुख्यमंत्री के ऐसा कहने के साथ भीड़ ने ताली बजाकर सराहना की। हड़बड़ाए हुए वक्ता ने फिर से बोलना शुरू किया, लेकिन कुछ सेकंड बाद ‘‘गवर्नमेंट स्कीम’’ शब्द के इस्तेमाल पर मुख्यमंत्री ने उन्हें झिड़की लगा दी। नीतीश ने कहा, ‘‘यह क्या है? क्या आप सरकारी योजना नहीं कह सकते? मैं प्रशिक्षण प्राप्त इंजीनियर हूं और मेरी शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी था। लेकिन अकादमिक गतिविधियों के लिए का उपयोग करना दूसरी बात है। आपको अपने दैनिक जीवन में ऐसा क्यों करना चाहिए?’’
लखीसराय के प्रतिनिधि ने फिर से अपनी बात शुरू करने से पहले ‘सॉरी’ कहा। हालांकि, अमित कुमार ने अपने वक्तव्य की शुरुआत मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए की। कुमार ने कहा कि प्रबंधन की पढ़ाई करने के बाद वह पुणे में नौकरी कर रहे थे, लेकिन सब कुछ छोड़कर उन्होंने अपने पैतृक जिले में मशरूम की खेती करने का साहस जुटाया। इस घटना पर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा के निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंग्रेजी से नाराज हैं या वंचित वर्ग द्वारा इसके इस्तेमाल के कारण?सार्वजनिक संबोधन में अंग्रेजी शब्दों के इस्तेमाल पर उनकी आपत्ति बिल्कुल हास्यास्पद है।