By अंकित सिंह | Feb 22, 2023
बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जदयू और राजद के बीच जबरदस्त तरीके से शब्द बाण चल रहे हैं। राजद जहां एक बार फिर से तेजस्वी यादव की ताजपोशी की मांग शुरू कर दी है। तो वहीं जदयू के नेता साफ तौर पर कह रहे हैं कि 2025 तक नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे। इसके बाद से इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि गठबंधन में दरार है। अब पहली बार तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं बिहार का मुख्यमंत्री बनने की जल्दी में नहीं हूं। इसके साथ ही उनसे महागठबंधन में दरार पर भी सवाल पूछा गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सब कुछ ठीक है। गठबंधन में किसी तरह की समस्या नहीं है। फिलहाल हम सभी लोगों का फोकस 2024 के आम चुनाव पर हैं।
तेजस्वी ने साफ तौर पर कहा कि हमारा भाजपा को सत्ता से बाहर करना पहला काम है। बिहार के उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अपने निजी स्वार्थों के लिए हम सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता में फिर से आने नहीं देंगे। तेजस्वी यादव से ललन सिंह के भी बयान पर सवाल पूछा गया। मीडिया ने तेजस्वी से पूछा कि क्या आपके साथ कोई धोखा हुआ है? इस पर उन्होंने कहा कि ललन सिंह ने आखिर गलत क्या कहा है। इसका फैसला तो तभी होगा, जब समय आएगा। उन्होंने कहा कि 2025 से 2030 की ही तो बात की जा रही है। यह तो अच्छी बात है। तब तक मैं और भी अनुभव हासिल कर सकता हूं। नीतीश कुमार क्षमतावान नेता तो है ही।
लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे ने साफ तौर पर कहा कि 2024 में आम चुनाव में बिहार में भाजपा को एक भी सीट ना मिल सके यही हमारी पहली कोशिश है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान पर भी तेजस्वी यादव से सवाल पूछा गया। इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि सबकी अपनी इच्छा होती है। अगर वह चाहते हैं कि उनका बेटा मुख्यमंत्री बने तो उसमें कुछ गलत बात नहीं है। कौन अपने बेटे को उच्च से उच्च पद पर जाते नहीं देखना चाहता? दरअसल, कुछ दिन पहले जीतन राम मांझी ने बिना किसी का नाम लिए कहा था कि मेरा बेटा संतोष सुमन बिहार का मुख्यमंत्री बनने के लिए योग्य है क्योंकि वह पढ़ सकता है और दूसरों को भी पढ़ा सकता है।