पटना। देश भर में एक समान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली (जीएसटी) लागू करने की विधायी कवायद के तहत आज बिहार विधानसभा ने बिहार माल और सेवा कर विधेयक 2017 और बिहार काराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2017 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवाकर, राज्यों के वैट या बिक्री कर, प्रवेश कर एवं कई अन्य प्रत्यक्ष करों को समाहित कर उनकी जगह लगाए जाने वाले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पहली जुलाई से लागू करने का लक्ष्य है।
जीएसटी बिल को परित कराने के लिए बिहार विधानसभा की आज एक दिन की विशेष बैठक बुलाई गयी थी। इसमें सत्तापक्ष जद (यू), राजद और कांग्रेस के साथ विपक्ष राजग में शामिल भाजपा सहित अन्य दलों के सदस्यों के इसका समर्थन किया और यह एक तरह से सर्वसम्मति से सदन द्वारा पारित कर दिया गया। इस बिल पर भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने मात्र विरोध जताया। वाणिज्य कर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि किसी भी विषय पर निर्णय लेने के समय एक राजनेता आने वाली पीढ़ियों की बेहतरी की सोच रखता है जबकि एक राजनीतिज्ञ केवल अगला चुनाव जीतने के बारे में सोचता है।
भाजपा, खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते बिजेंद्र ने आरोप लगाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने जीएसटी बिल का विरोध किया था और प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने इसका समर्थन किया। प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने ऐतिहासिक जीएसटी बिल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की, वहीं बिहार विधान सभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने अपने दल के शुरू से जीएसटी बिल के पक्ष में रहने की बात करते हुए आरोप लगाया कि वर्ष 2006 में केंद्र की संप्रग सरकार के कार्यकाल में भाजपा द्वारा विरोध किए जाने से जीएसटी बिल पारित नहीं हो सका था और इसके कारण अब तक देश को करीब 12 लाख करोड़ रूपये की हानि हुई है।