By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 18, 2022
पटना। भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने रविवार को कहा कि सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव को दी गई जमानत को रद्द करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा कर “सही” कदम उठाया है। दिल्ली की एक अदालत द्वारा सीबीआई की याचिका पर यादव को नोटिस जारी किए जाने के एक दिन बाद यहां पत्रकारों से बात करते हुए जायसवाल ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता ने एजेंसी के अधिकारियों और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को ‘‘धमकी’’ दी थी।
जायसवाल ने पिछले महीने यादव द्वारा संबोधित एक संवाददाता सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा, “बिहार में हर कोई जानता है कि स्थानीय बोली में ‘ठंडा कर देंगे’ का क्या मतलब होता है।” यादव ने उस संवाददाता सम्मेलन में राय की आलोचना की थी। राय भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं। भाजपा नेता ने कहा, “यादव ने सीबीआई अधिकारियों को उनके परिवारों और सेवानिवृत्ति के बाद उनकी कमजोरियों की याद दिलाते हुए खुली धमकी भी जारी की थी। जमानत पर रहते हुए उन्हें ऐसी बातें कहने का साहस है? सीबीआई ने उनकी जमानत रद्द करने की उचित मांग की है।”
यादव का नाम भ्रष्टाचार के एक मामले से जुड़ा है जो उस समय से संबंधित है जब उनके पिता लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, हालांकि वह (यादव) तब खुद नाबालिग थे। जायसवाल ने उन आरोपों का भी खंडन किया कि आठ सालों से केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा की कानूनी तकरार में भूमिका थी। पिछले महीने हुई उथल-पुथल में राज्य में सत्ता गंवाने वाली भाजपा के नेता ने कहा, “तेजस्वी यादव के खिलाफ ज्यादातर जानकारी राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा प्रदान की गई थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका किस तरह का गठबंधन हो सकता है।” इस बीच राजद, जद(यू) और कांग्रेस समेत सात दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने के इच्छुक दिखाई नहीं दिए।