By रितिका कमठान | Nov 08, 2024
जैसे ही दान का नाम लिया जाता है, वैसे ही सबसे पहला नाम दानवीर कर्ण का आता है। भारत में कर्ण के अलावा और भी कई परोपकारी लोग हैं। रतन टाटा से लेकर अजीम प्रमजी भारत में ऐसे दानवीर हुए हैं जो परोपकार करने में कभी पीछे नहीं रहे है। इसी बीच हुरुन इंडिया की एक नई रिपोर्ट आई है जिसमें नया नाम सामने आया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक वर्ष में एचसीएल टेक के संस्थापक शिव नादर और रोहिणी नीलेकणी सबसे बड़े दानवीर के तौर पर निकले है। शिव नादर फाउंडेशन ने बीते एक वर्ष में 2153 करोड़ रुपये का दान दिया है। यानी शिव नादर ने रोजाना लगभग छह करोड़ रुपये का दान दिया है।
इनके बाद दूसरे नंबर पर रिलायंस की चैरिटी यूनिट रिलायंस फाउंडेशन का नाम है। रिलायंस फाउंडेशन ने 407 करोड़ रुपये का दान किया है। बजाज परिवार ने 352 करोड़ रुपये, कुमार मंगलम बिड़ला और उनके परिवार ने 334 रुपये, गौतम अदाणी और परिवार ने 330 करोड़ रुपये, नंदन नीलेकणि ने 307 करोड़ रुपये, कृष्णा चिवुकुला ने 228 करोड़ रुपये और अनिल अग्रवाल व उनके परिवार ने 181 करोड़ रुपये का दान किया है।
ये महिला है सबसे बड़ी दानवीर
इसी बीच रिपोर्ट में रोहिणी नीलेकणि का नाम देश की सबसे बड़ी महिला दानवारी के तौर पर सामने आया है। रोहिणी नीलेकणि 154 करोड़ रुपए के दान के साथ सबसे ज्यादा दान देने वाली महिला बनी है। रोहिणी नीलेकणि ने भी शीर्ष 10 में जगह बनाई है। बता दें कि नंदन नीलेकणि ने 307 करोड़ रुपये का दान किया है। वो छठे स्थान पर है।
अदाणी परिवार के दान में 16 फीसदी की बढ़ोतरी
अदाणी परिवार भी दान करने में पीछे नहीं है। अदाणी परिवार ने एक वर्ष में 330 करोड़ रुपये का दान किया है जो इससे पहले किए दान की तुलना में 16 फीसदी अधिक है। अदाणी फाउंडेशन ने दान के जरिए शिक्षा, कौशल विकास और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में योगदान दिया है।