By नीरज कुमार दुबे | Jan 13, 2023
नमस्कार प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'एमवी गंगा विलास' को हरी झंडी दिखाकर वाराणसी से रवाना किया जोकि विभिन्न नदियों को पार करते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक जाएगा। इस पहल के जरिये पूर्वोत्तर भारत नदी मार्ग के जरिये भी पर्यटन मानचित्र पर आ गया है। इसके साथ ही इस सप्ताह भारतीय निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों का दौरा कर विधानसभा चुनाव तैयारियों की समीक्षा की। चुनाव आयोग के दल ने त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर उनकी राय भी जानी। उल्लेखनीय है कि इन तीनों विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तिथियों में पूरा हो रहा है। त्रिपुरा में भाजपा सत्ता में है जबकि नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्तारुढ़ है। मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी सत्तासीन है, यह पूर्वोत्तर की एकमात्र पार्टी है जिसे राष्ट्रीय पार्टी की पहचान मिली हुई है। इसके अलावा पूर्वोत्तर से इस सप्ताह मिजोरम चर्चा में रहा क्योंकि पड़ोसी देश म्यांमार ने अपने विद्रोही संगठन के उस कैम्प पर बमबारी की जोकि मिजोरम के एकदम नजदीक है। बहरहाल, आइये डालते हैं एक नजर पूर्वोत्तर से जुड़ी इस सप्ताह की खबरों पर-
सबसे पहले बात करते हैं मिजोरम की। असम राइफल्स ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र म्यांमार की सीमा के भीतर चिन विद्रोही शिविरों पर म्यांमा सेना द्वारा किये गये हवाई हमले के दौरान सीमा के भारतीय क्षेत्र में कोई विस्फोट नहीं हुआ। असम राइफल्स का यह बयान तब सामने आया है, जब स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि हमले के दौरान मिजोरम के चम्फाई जिले में एक बम गिराया गया था। उल्लेखनीय है कि म्यांमार में सत्तारुढ़ सैन्य जुंटा ने मंगलवार को पड़ोसी देश के सबसे शक्तिशाली जातीय विद्रोही समूहों में से एक, चिन नेशनल आर्मी के सैन्य मुख्यालय कैंप विक्टोरिया पर हवाई हमले किए थे। हमले में दो महिलाओं सहित पांच लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।
मिजोरम से आई अन्य खबर पर गौर करें तो आपको बता दें कि विधानसभा का बजट सत्र सात फरवरी से शुरू होगा। विधानसभा आयुक्त और सचिव लल्हमरूइया जोटे ने कहा कि सत्र की कार्यवाही कार्य मंत्रणा समिति द्वारा तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष लालरिनलियाना सेलो की अध्यक्षता में जल्द ही समिति की बैठक होगी।
उधर, अरुणाचल प्रदेश की खबरों की बात करें तो अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर डॉ. बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सटे सीमावर्ती क्षेत्र में पूरे जोश और समर्पण के साथ देश की सुरक्षा करने वाले सैनिकों की प्रशंसा की है। राज्यपाल ने एलएसी के पास तूतिंग में भारतीय सशस्त्र बलों के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि सेना द्वारा सुनिश्चित की गई हमारी सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के कारण ही देश प्रगति कर रहा है।
इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने अपने उन कर्मचारियों के लिए आवास किराया भत्ता (एचआरए) की घोषणा की जिन्हें आवास उपलब्ध नहीं कराया गया है। एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य सरकार के कर्मचारी अपनी तैनाती के स्थान के आधार पर अपने मूल वेतन पर 27, 18 और 9 प्रतिशत की दर से मासिक एचआरए पाने के हकदार होंगे।
उधर, चुनावी राज्य त्रिपुरा की बात करें तो वहां सबसे ज्यादा राजनीतिक गहमागहमी देखने को मिल रही है। अपनी पार्टी की सत्ता बचाने के लिए खुद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम वरिष्ठ नेता मैदान में उतर गये हैं। इस सप्ताह नड्डा ने त्रिपुरा दौरे के दौरान कहा कि भाजपा की सरकार ने ब्रू शरणार्थी संकट के समाधान सहित विभिन्न कल्याणकारी पहल के साथ पिछले पांच वर्षों में इतिहास रचा है। नड्डा ने एक जनसभा में यह भी दावा किया कि राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी भाजपा के सत्ता में होने से प्रदेश में तेज गति से विकास हो रहा है। हम आपको बता दें कि त्रिपुरा में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं।
उधर, भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह त्रिपुरा में स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने के लिए “प्रतिबद्ध और कर्तव्यबद्ध” है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आयोग ने मतदाताओं को ‘लोकतंत्र के त्योहार’ में शामिल होने का अवसर देने के लिए सभी इंतजाम किए हैं और अगर मतदान के दिन किसी मतदाता को किसी तरह की धमकी या भय का सामना करना पड़ता है, तो वह चुनाव अधिकारियों को सूचित करने के लिए ‘सीविजिल’ ऐप का उपयोग कर सकता है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र में एक ‘माइक्रो ऑब्जर्वर’ होगा। त्रिपुरा में 3,328 मतदान केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए बिना किसी पूर्व निर्धारित क्रम के आधार पर सुरक्षाकर्मियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया जाएगा। सीईसी ने कहा कि सुरक्षा के पहले चरण में सीआरपीएफ के साथ मतदान केंद्र से लेकर स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए तीन घेरे वाली सुरक्षा व्यवस्था होगी। हम आपको बता दें कि केंद्र पहले ही विधानसभा चुनाव के लिए सुरक्षाकर्मियों की 100 कंपनियां त्रिपुरा भेज चुका है। दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों के साथ बुधवार को अगरतला पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बैंक और आरबीआई बड़ी मात्रा में नकदी की आवाजाही पर कड़ी नजर रखेंगे। साथ ही एयरपोर्ट पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि उनकी पार्टी त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और तिपरा मोथा के साथ ‘‘समझौते’’ के लिए तैयार है। अगरतला में एक संवाददाता सम्मेलन में येचुरी ने यह भी कहा कि इस पर अंतिम फैसला माकपा का प्रदेश नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मुख्य कार्य लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए भाजपा विरोधी वोट को एकजुट करने के लिए एक रणनीतिक गठबंधन को तैयार करना है।''
दूसरी ओर, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में त्रिपुरा के विकास पथ पर होने का उल्लेख करते हुए अभिनेता से पार्टी के नेता बने मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि बीते पांच सालों में पूर्वोत्तर राज्य में जो विकास हुआ है, “दुश्मन भी उसकी अनदेखी” नहीं कर सकता। भाजपा की जन विश्वास यात्रा के तहत खोवई जिले के तेलियामुरा में एक सभा को संबोधित करते हुए अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वजह से भाजपा में शामिल हुए, क्योंकि वह “उनके बहुत बड़े प्रशंसक” हैं।
उधर, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में त्रिपुरा में शांति रहने का दावा करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मतदाताओं से अपील की कि वे पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘खूनखराबे वाले दिन’’ न लौटने दें। गोमती जिले के किला इलाके में सोमवार को जन विश्वास रैली को संबोधित कर रहे हिमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में त्रिपुरा में विकास की गति 100 किमी प्रति घंटा है।
वहीं, त्रिपुरा में विपक्षी कांग्रेस ने कहा है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में टिपरा मोठा के साथ गठजोड़ करने के लिए तैयार है। हालांकि इसने स्पष्ट किया कि वह किसी भी स्थिति में इस क्षेत्रीय दल की ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ मांग का समर्थन नहीं करेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने कहा, ‘‘टिपरा मोठा के साथ चुनावी गठजोड़ करने पर हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन हम पृथक राज्य की उसकी मांग पर राजी नहीं होंगे। हम इस बात पर सहमत है कि त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद को और स्वायत्तता दी जानी चाहिए।’’
उधर, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने वामपंथी नेताओं से भाजपा में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा गंगा नदी की तरह है और इसमें डुबकी लगाने से उन्हें (वामपंथी नेताओं को) सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी। दक्षिण त्रिपुरा के काकराबान में ‘जन विश्वास रैली’ से जुड़ी एक जनसभा को संबोधित करते हुए माणिक साहा ने कहा कि भाजपा इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर आश्वस्त है।
वहीं मणिपुर से आई खबरों की बात करें तो राज्य में विभिन्न उग्रवादी संगठनों के 43 सदस्यों ने इस सप्ताह मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। राज्य के गृह विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इन उग्रवादियों ने 19 हथियार, 17 हथगोले, पांच हैंडहेल्ड सेट, नौ पीईके, पांच देसी बम और 209 गोला-बारूद मुख्यमंत्री के सामने रखे। जिन उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनमें घाटी आधारित कांगलीपाक यावोल कनबा लुप (केवाईकेएल) के 13, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पांच, कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के 11, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के पांच, केसीपी (एन) के पांच, प्रीपाक (पीआरओ) के दो और एनएससीएन (यू) का एक उग्रवादी शामिल हैं। जीवन की मुख्य धारा में लौटने पर इन उग्रवादियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपने जो कठिनाइयां झेली है, उसे मैं समझता हूं।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रगतिशील मणिपुर बनाने के हमारे काम से और उग्रवादियों को जुड़ते हुए देख खुशी हो रही है।’’
वहीं नगालैंड से आई खबरों की बात करें तो नगालैंड पीपुल्स एक्शन कमेटी (एनपीएसी) ने विधानसभा चुनाव से पहले नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के लिए शनिवार को छह घंटे के बंद का आह्वान किया है। यह आह्वान ऐसे समय पर किया गया है जब, इस साल होने वाले 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग का एक दल राज्य के दौरे पर है। उल्लेखनीय है कि नगा राजनीतिक मुद्दे के जल्द समाधान के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से पिछले साल जून में एनपीएसी का गठन किया गया था। हम आपको बता दें कि नगालैंड में वर्तमान सरकार का कार्यकाल चार मार्च को समाप्त हो रहा है।
उधर, मेघालय से आई खबरों की बात करें तो मेघालय में विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस को विधानसभा चुनाव से पहले झटका लगा, क्योंकि उसके दो विधायक सत्तारुढ़ एनपीपी में शामिल हो गए। उत्तरी गारो हिल्स जिले में मेंदीपाथर के विधायक मार्थन संगमा और पश्चिम गारो हिल्स जिले में टिकरीकिल्ला का प्रतिनिधित्व करने वाले जिम्मी डी. संगमा ने सत्तारूढ़ खेमे में जाने से पहले विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। दोनों विधायकों ने पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीता था, लेकिन वह कांग्रेस का दामन छोड़ टीएमसी में शामिल होने वाले 12 विधायकों में शामिल थे। इससे टीएमसी मुख्य विपक्षी दल बन गई थी।
उधर, असम से आई खबरों की बात करें तो राज्य के लखीमपुर जिले में एक वन्य भूमि पर बसे लोगों को हटाने का अभियान इस सप्ताह चलाया गया। जिससे 250 हेक्टेयर क्षेत्रफल में रहने वाले 299 परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां रहने वाले लोगों में अधिकतर बांग्लाभाषी मुस्लिम हैं जिनमें से कुछ ने इस बात पर अप्रसन्नता जताई कि वे अपना सामान भी नहीं ले जा सके। वहीं, कुछ अन्य ने दावा किया कि अभियान के दौरान उनकी फसल बर्बाद हो गयी। हम आपको बता दें कि राज्य सरकार ने पावा रिजर्व वन क्षेत्र में करीब 450 हेक्टेयर क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए मंगलवार को अभियान शुरू किया। पहले दिन अधिकारियों ने मोहघुली गांव में 200 हेक्टेयर जमीन को खाली कराया जहां 201 परिवार रह रहे थे। उल्लेखनीय है कि असम की हिमंत विश्व शर्मा सरकार मई 2021 में सत्ता में आने के बाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण हटाने का अभियान चला रही है।
उधर, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के नेता बदरुद्दीन अजमल ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसके नेता रात के समय मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से पैकेट लेते हैं जिसके जवाब में कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि वह भी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की तरह ‘भारतीय जनता पार्टी के एक मुखपत्र’ हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि अजमल कुछ भी दावा करें, लेकिन अब उनका संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) से कोई लेना-देना नहीं है।
इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की मां को ले जा रहा एक वाहन मंगलवार को मोरीगांव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर मामूली दुर्घटना का शिकार हो गया। हादसे में हालांकि किसी के घायल होने की खबर नहीं है। सरमा की मां मृणालिनी देवी और भाई दिगंत विश्व शर्मा एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुवाहाटी से कार्बी आंगलोंग जिले के दीफू जा रहे थे, तभी सिलसंग इलाके में तेज रफ्तार से जा रही एक एसयूवी ने उनके वाहन को पीछे से टक्कर मार दी। हम आपको बता दें कि मृणालिनी देवी असम साहित्य सभा की उपाध्यक्ष हैं, जबकि मुख्यमंत्री के भाई गुवाहाटी में एक प्रकाशक और किताबों की एक दुकान के मालिक हैं।