By अंकित सिंह | Jan 02, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा से पहले 22 जनवरी को होने वाली भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज लखनऊ में एक बैठक बुलाई है। अयोध्या प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी बैठक में उपस्थित रहें। इस दौरान योगी ने आधिकारियों को कई बड़े निर्देश दिए हैं। 22 जनवरी को राम मंदिर के प्रतिष्ठापन समारोह की तैयारी के तहत अयोध्या को सजाया जा रहा है, लेकिन शहर में अनुष्ठान की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू होगी और ऐतिहासिक दिन के आगमन तक अगले सात दिनों तक बड़े पैमाने पर जारी रहेगी।
राम लला (भगवान राम अपने बाल रूप में) की मूर्ति को एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में भव्य मंदिर में विराजमान किया जाएगा, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी होगी। इससे पहले योगी ने कहा था कि 22 जनवरी को भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। 500 साल का इंतजार खत्म होने वाला है। भगवान के आगमन से पहले पीएम की योजना थी कि अयोध्या को दुनिया की सबसे खूबसूरत नगरी के रूप में स्थापित किया जाएगा। आज जिस तरह से लोगों ने पीएम मोदी का स्वागत किया है उससे हर किसी को नए भारत की नई अयोध्या की झलक मिलती है।
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में प्राण—प्रतिष्ठा की रस्म आगामी 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी। राम मंदिर का निर्माण करा रही संस्था श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, प्राण—प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी। उन्होंने कहा, प्राण—प्रतिष्ठा के बाद आरती करो, पास—पड़ोस के बाजारों में, मुहल्लों में भगवान का प्रसाद वितरण करो और सायंकाल सूर्यास्त के पश्चात दीपक जलाओ। ऐसा ही निवेदन आग्रह प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जी ने अयोध्या से सारे संसार का आह्वान करते हुए किया है। प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया है कि वे उद्घाटन के दिन अयोध्या न आएं और कार्यक्रम के बाद अपनी यात्रा की योजना बनाएं।
16 जनवरी : मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशाविद स्नान, विष्णु पूजन एवं गोदान।
17 जनवरी: अयोध्या में रामलला की मूर्ति के साथ जुलूस निकलेगा, मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे।
18 जनवरी: गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजा आदि के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे।
19 जनवरी: अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन।
20 जनवरी: मंदिर के गर्भगृह को सरयू के पवित्र जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा।
21 जनवरी: 125 कलशों से दिव्य स्नान के बाद शय्याधिवास किया जाएगा।
22 जनवरी: सुबह पूजा के बाद दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में रामल्ला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा।