बड़ी अमेरिकी कंपनियों की उत्तर प्रदेश में निवेश के लिये हामी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 23, 2017

लखनऊ। अमेरिका की कई बड़ी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन की उम्मीदों को नये पंख लगाते हुए सूबे में निवेश के प्रति दिलचस्पी दिखायी है।अमेरिका की 26 प्रमुख कंपनियों के 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज वरिष्ठ कबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात का मकसद प्रदेश में निवेश की संभावनाएं तलाशना था।सिंह ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि अमेरिकी कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिये आयें। हम ‘अतिथि देवो भवः’ की भावना के साथ उनका ‘रेड कार्पेट’ स्वागत करेंगे।

उन्होंने कहा ‘‘आप प्रदेश में अपने निवेश के जरिये रोजगार के अवसर उत्पन्न करेंगे। इससे हमारे संकल्प पत्र का वादा पूरा होगा। आप सभी का हृदय से स्वागत है।’’ उत्तर प्रदेश को अमेरिकी कंपनियों द्वारा निवेश के लिहाज से बेहद आकर्षक करार देते हुए सिंह ने कहा ‘‘प्रदेश की वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार की सोच यहां की पूर्ववर्ती सरकारों से अलग है। हम अतिथि देवो भवः की सच्ची भावना के साथ आपका रेड कार्पेट स्वागत करेंगे।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिये कड़ी मेहनत करेंगे कि इस कक्ष में बैठे लोग दूसरे प्रदेशों में निवेश करने ना जाएं, बल्कि केवल उत्तर प्रदेश में निवेश करें। बेहतर इको सिस्टम उपलब्ध कराकर हम इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।’’

मालूम हो कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ की तर्ज पर ‘यूएस इन यूपी’ के सूत्रवाक्य के साथ अमेरिकी कंपनियों को प्रदेश में निवेश के लिये आमंत्रित किया था। इसी के तहत इन कंपनियों के प्रतिनिधि यूएस-इंडिया स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के बैनर तले यहां पहुंचे।सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि योगी सरकार ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ की तर्ज पर ‘यूएस इन यूपी’ का विचार पेश किया है। इसका उद्देश्य प्रदेश में रसायन, पेट्रोकेमिकल्स, फार्मास्यूटिकल्स, सीमेंट, माणिक्य, वस्त्र तथा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को प्रदर्शित करना है।

उन्होंने बताया कि अमेरिका के एक छोटे प्रतिनिधिमंडल ने दो महीने पहले उत्तर प्रदेश का दौरा करके यह महसूस किया था कि सूबे में निवेश की जबर्दस्त संभावनाएं हैं। उसी के परिणामस्वरूप आज बड़े प्रतिनिधिमंडल ने आज उनसे मुलाकात की।सिंह ने बताया कि अमेरिकी कंपनियों के इस हाईप्रोफाइल दौरे की बुनियाद पिछले जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान पड़ी थी। तब उन्होंने अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश के लिये आमंत्रित किया था।

 

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