By अभिनय आकाश | Apr 17, 2024
अरब से महाविनाशक संग्राम की आशंकाएं तेज हो गई हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट है कि इजरायल ईरान पर हमला करने का फाइनल फैसला ले चुका है। इजरायल पर तुरंत पलटवार के लिए ईरान ने भी एक हजार से ज्यादा मिसाइलें और ड्रोन तैनात कर लिए हैं। ईरान और इजरायल का युद्ध अब महाशक्तियों के टकराव का मोर्चा बन चुका है। रूस ने भी स्पष्ट कह दिया है कि अगर इजरायल के साथ नाटो है तो ईरान भी युद्ध में अकेला नहीं है। रूसी एयर स्पेस मिसाइल फोर्सेज ने ईरान की सुरक्षा के लिए बड़ी तैयारी पूरी कर ली है। नाटो देशों की नेवा और वायुसेना स्पेशल अलर्ट पर है। कुल मिलाकर कहे तो ईरान और इजरायल की जंग विश्व युद्ध का एपिसेंटर भी बन सकती है। जब से यूक्रेन के साथ रूस का युद्ध शुरू हुआ है तभी से मॉस्को और तेहरान का गठबंधन बहुत ज्यादा मजबूत हुआ है। रूस को ईरानी ड्रोनों और मिसाइलों की सप्लाई रूकी नहीं है। अब इस नो लिमिट पार्टनरशिप में रूस की मदद का चरण आ चुका है।
अमेरिका को रूस की चिट्ठी
रूस के रक्षा मंत्री ने अमेरिका के विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें लिखा है कि अगर इजरायल ने ईरान पर हमले किए तो रूस भी इजरायल की जमीन पर हमला करेगा। डिप्लोमेसी की भाषा में इतने सपाट और सीधे बयान कभी नहीं दिए जाते हैं। मतलब साफ है कि ईरान पर हमले की सूरत में रूस भी अरब युद्ध में उतरने की तैयारी कर चुका है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट है कि पुतिन ने ईरान की रक्षा की शपथ उठा ली है।
पुतिन ने किया रायसी को फोन
ईरान के अभूतपूर्व ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद अब इजरायल अपनी प्रतिक्रिया पर विचार कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को फोन किया है। पुतिन ने फोन पर रायसी से संयम बरतने का आह्वान किया है। सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इजरायली हमले के बाद क्रेमलिन द्वारा रान द्वारा उठाए गए जवाबी कदम पर भी चर्चा की है। क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने सभी पक्षों से ऐसी कार्रवाई से परहेज करने का आग्रह किया जिससे एक नया टकराव शुरू हो जाएगा जिसके मध्य पूर्व के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे।
सभी पक्ष उचित संयम दिखाएंगे
दमिश्क में इजरायली हमले के जवाब में ईरान ने शनिवार देर रात इजरायल पर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिसमें दो जनरलों सहित इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के सात अधिकारी मारे गए। पुतिन ने ईरान के हमले पर अपनी पहली सार्वजनिक रूप से प्रसारित टिप्पणी में कहा कि मध्य पूर्व में मौजूदा अस्थिरता का मूल कारण जारी इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष है। व्लादिमीर पुतिन ने उम्मीद जताई कि सभी पक्ष उचित संयम दिखाएंगे और पूरे क्षेत्र के लिए विनाशकारी परिणामों से भरे टकराव के एक नए दौर को रोकेंगे।