भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर चर्चा के लिए यहां रविवार को तत्काल एक पंचायत बुलाई और सोमवार को देश भर के हर जिले में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया।
बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने फोन पर पीटीआई-को बताया, ‘‘यह फैसला बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की अध्यक्षता में सिसौली गांव में हुई पंचायत में लिया गया।’’
मलिक ने कहा, ‘‘यह तय किया गया है कि किसानों के समूह हर जिले में जिला प्रशासन के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेंगे।’’
पंचायत के दौरान, बीकेयू ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा लिए गए निर्णय पर टिके रहने का भी संकल्प लिया, जो नवंबर 2020 से केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध का नेतृत्व कर रहा है।
उन्होंने कहा कि 200 से अधिक किसानों और बीकेयू समर्थकों का एक समूह इसके नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में रविवार रात लखीमपुर खीरी जा रहा है। मलिक भी लखीमपुर जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों जैसे मुरादाबाद, पीलीभीत और रामपुर में पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन किसी तरह वे अपनी यात्रा जारी रखने में सफल रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘कई जगहों पर सड़कों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं और पुलिस अधिकारियों ने वाहनों की जांच शुरू कर दी है। हम 200 से 300 लोग हैं और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, और भी लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं।’’
सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह घटना उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे से पहले हुई और इस दौरान हुई हिंसा में आठ व्यक्तियों की मौत हो गई, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और किसान दोनों शामिल हैं। लखीमपुर खीरी के बनबीरपुर के पास हुई झड़प के दौरान नाराज किसानों ने दो एसयूवी को आग भी लगा दी।