By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 03, 2018
नयी दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान ने कहा कि अनुसूचित जाति.जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरुद्ध नौ अगस्त को दलित संगठनों के प्रस्तावित भारत बंद को वापस ले लिया जाना चाहिए क्योंकि केंद्र ने इस कानून को बहाल रखने के लिए संशोधन विधेयक पेश कर दिया है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के विरोध में अब बंद करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि सरकार ने संशोधन विधेयक पेश कर दिया है।
दलित संगठनों ने ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा के बैनर तले अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए नौ अगस्त को भारत बंद करने का आह्वान किया था। केंद्र के फैसले की सराहना करते हुए पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी को यह विधेयक लाने के सिलसिले में सरकार पर पूर्ण विश्वास था क्योंकि कोई भी नहीं चाहता है कि फिर बंद हो। अदालत के फैसले के बाद दस अप्रैल को भारत बंद आहूत किया गया था जिसमें व्यापक हिंसा हुई थी।
जब उनसे एसएटी कानून पर फैसला पारित करने वाली पीठ के सदस्य उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के गोयल को एनजीटी प्रमुख नियुक्त करने के सरकार के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘उनके मन में उनके प्रति कोई निजी नाराजगी नहीं है, हालांकि आदेश जारी होने के बाद असंतोष अवश्य था। लेकिन फैसले को सरकार ने खारिज कर दिया है और उनकी नियुक्ति अब मुद्दा नहीं रहा।’