टीबी एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जो व्यक्ति के फेफड़ों को प्रभावित करती है। अमूमन यह समस्या बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होती है। आमतौर पर, इस स्वास्थ्य समस्या का इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं। लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं होता है। यदि टीबी का इलाज न किया जाए और उसकी ठीक से देखभाल न की जाए, तो यह घातक हो सकता है और जो लोग कुपोषित हैं, उनमें टीबी विकसित होने का खतरा अधिक होता है।
टीबी गंभीर कुपोषण का कारण बन सकता है। इसलिए, इस बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को आवश्यक विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलने चाहिए। हालांकि, टीबी के मरीजों के लिए कोई अलग से डाइट नहीं होती है, लेकिन फिर भी आहार पर अतिरिक्त ध्यान देकर व्यक्ति अपना बेहतर तरीके से ख्याल रख सकता है। तो चलिए जानते हैं इन फूड आइटम्स के बारे में-
प्रोटीन पर दें ध्यान
आपको अपनी डाइट में प्रोटीन रिच आहार को शामिल करना चाहिए। प्रोटीन की कमी संभावित रूप से टीबी से लड़ने की शरीर की क्षमता पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है। डेयरी और डेयरी उत्पाद, लीन मीट, दालें और फलियां प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के कुछ पूर्ण स्रोत हैं, जिन्हें आपको रोजाना कम से कम 2-3 बार लेना चाहिए।
फाइबर की ना हो अनदेखी
साबुत अनाज अनाज, दालें और अंकुरित फलियां आदि आहार रिच होती है और प्रोटीन के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेना भी आवश्यक है। यह आंत के माइक्रोबायोम को स्वस्थ रखने में मदद करती है और आहार से विषाक्त पदार्थों को खत्म करती है।
कुछ विटामिन को डाइट में करें शामिल
किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए इम्युन सिस्टम का मजबूत होना आवश्यक है। इसलिए, आप इम्युन सिस्टम को बूस्ट अप करने के लिए एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ-साथ विटामिन ए, सी, और ई का अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। इसके अलावा, विटामिन ए, ई और डी3 और खनिज सेलेनियम, जिंक और आयरन जैसे माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स भी सेहत के लिए बेहद आवश्यक हैं।
नट्स और सीड्स खाएं
नट और सीड्स का सेवन भी टीबी के मरीजों को लाभ पहुंचा सकता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो आपकी ओवर ऑल हेल्थ को सुधारते हैं।
- मिताली जैन