By अभिनय आकाश | Jan 21, 2025
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार और हत्या मामले में संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के सियालदह अदालत के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार कलकत्ता उच्च न्यायालय चली गई। महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए खंडपीठ न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक का रुख किया। मामला दर्ज करने की अनुमति दे दी गयी है।
सियालदह में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने शनिवार को रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के खिलाफ किए गए अपराध का दोषी पाया था, जिसके कारण देश भर में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुआ था। न्यायाधीश दास ने दोषी को मौत की सजा नहीं देने के लिए कहा कि यह अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है। कोलकाता पुलिस के पूर्व नागरिक स्वयंसेवक रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मौत की सजा), और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी पाया गया था। जज ने कहा कि धारा 64 के तहत आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि जुर्माना अदा न करने पर पांच माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। धारा 103(1) के तहत, रॉय को 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, और जुर्माना न चुकाने पर पांच महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।