By टीम प्रभासाक्षी | Apr 02, 2022
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने के साथ ही एक्सपोर्ट के कुछ व्यापारियों ने फर्जी बिलिंग का कारोबार शुरू करके सरकार को ठगने की तैयारी शुरू कर दी है। यूपी और राजस्थान में फर्जी बिलिंग का कारोबार शुरू हो गया है। फर्जी बिलिंग के इस कारोबार में विभाग के कुछ अधिकारी भी इन एक्सपोर्ट्स कारोबारियो की सहायता कर रहे हैं।
इस बार जीएसटी के इनपुट क्रेडिट टैक्स (आईटीसी) स्लैब में अगर कुछ बदलाव किया जाता है तो इसका लाभ एक्सपोर्टर्स को पहुंचेगा जो इस फर्जीवाड़े में शामिल है। विभाग के हाथ ऐसी 23 फर्जी फर्मो का रिकॉर्ड लगा है, जिस की चेकिंग की जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 3 वर्षों में एक्सपोर्ट्स के नाम पर 24 ऐसी जाली फर्मों की सहायता से 370 करोड़ से ज्यादा की आईटीसी की गई थी, जिन आरोपियों को इसके लिए गिरफ्तार किया गया था वे सभी लोकल स्तर के थे। लेकिन इस बार ऐसा माना जा रहा है कि यह फर्जीवाड़ा दूसरे राज्यों से भी किया जा रहा है।
कारोबारियों द्वारा फर्जी बिलिंग के व्यापार के लिए फर्जी फर्मो का नाम तैयार किया गया है। ये यूपी और राजस्थान की है। इसका फायदा यह होगा कि उक्त राज्य के रिकॉर्ड को पंजाब के जीएसटी विभाग के अधिकारी खोल नहीं पाते। अगर जीएसटी के आईटीसी के स्लैब में कुछ बदलाव किया जाता है तो लोकल कारोबारियों के बदले एक्सपोर्ट करने वाले कारोबारियों को इसका ज्यादा फायदा होगा।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक उच्चाधिकारियों को 23 फर्जी फर्मो के बारे में जानकारी मिली है, जो की बनी तो यूपी और राजस्थान की है लेकिन उसे बनाने के लिए जिन लोगों का रिकॉर्ड उपयोग किया गया वह एमपी और मुंबई के रहने वाले हैं। विभाग ने उनका रिकॉर्ड जुटाने के लिए एक स्पेशल टीम को काम पर लगाया है, जो कि जल्द ही इस मामले में कार्यवाही करेगी।
आपको बता दें कि किसी भी फॉर्म का रिकॉर्ड चेक करने के लिए विभाग 4 स्टेजों को चेक करते हैं। इन 4 स्टेजों में यह पता चलता है कि सामान किस से खरीदा गया और उस सामान की डिलीवरी कहां हुई। कारोबारी अधिकारियों के साथ सेटिंग कर लेते हैं। इसकी वजह से अधिकारी इन स्टेजों की चेकिंग नहीं करते। इसी के कारण एक ही व्यक्ति के नाम पर अलग अलग राज्य में 30 से 35 फर्में में खुल जाती हैं। इन्हीं के जरिए फर्जी बिलिंग का कारोबार फलता फूलता है। सरकार को इस फर्जी बिलिंग के कारोबार से करोड़ों का चूना लगाया जाता है।