By विजयेन्दर शर्मा | Jul 26, 2021
करगिल युद्ध के नायक शहीद बिक्रम बत्रा के बलिदान को देश याद कर रहा है वहीं उनके जीवन में घटी एक घटना से उनकी प्रेम कहानी का किस्सा भी अनूठा है उनकी प्रेमिका डिंपल चीमा आज भी शहीद विक्रम बत्रा की यादों के सहारे अपना जीवन बिता रही हैं। कैप्टन बत्रा के कारगिल युद्ध शौर्य व बलिदान के किस्से भारतीय जनमानस में अमर हैं उनकी प्रेम कहानी भी दिलचस्प है ।
कारगिल युद्ध में जाने से पहले शहीद कैप्टन विक्रम बतरा ने खून से अपनी प्रेमिका डिंपल चीमा की मांग भर गए थे। द लव स्टोरी ऑफ विक्रम बतरा में चंडीगढ़ में रहने वाली उनकी प्रेमिका ने इन बातों का खुलासा किया है। उनकी प्रेमिका ने बताया है कि जब बतरा ने कारगिल युद्ध जाने की बात सुनी थी तो वह काफी उत्साहित थे। दोनों मनसा देवी चंडीगढ़ घूमने गए थे। मंदिर में परिक्रमा के दौरान विक्रम बतरा ने प्रेमिका का दुपट्टा पकड़कर बधाई हो मिसेज बतरा कहा था। विक्रम बतरा ने अपना अंगूठा काटकर निकले खून से उनकी मांग भरी थी।
शहीद विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की मुलाकात साल 1995 में पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में हुई थी । दोनों ने एमए में दाखिला लिया था लेकिन दोनों ही एमए पूरा नहीं कर पाए डिंपल चीमा ने बताया कि यह किस्मत थी जो हम दोनों को करीब लाई और फिर हम दोनों एक दूसरे के हो गए । .विक्रम बत्रा ने 1996 में इंडियन मिलिट्री अकादमी ज्वाइन की थी । डिंपल चीमा के मुताबिक विक्रम ने यह खुशखबरी देने के लिए उसे फोन किया था। डिंपल का कहना है कि विक्रम आईएमए ज्वाइन करने को लेकर बहुत उत्सुक था।
डिपंल ने बताया कि विक्रम के आईएमए ज्वाइन करने के बाद उनका रिश्ता और मजबूत हो गया। डिंपल के मुताबिक जब कभी परिवार की तरफ से शादी का प्रेशर मुझ पर डाला गया तो विक्रम कहता कि जिससे प्यार करती हो उसे पाने की कोशिश करो वरना तुम्हें उससे प्यार करने को मजबूर हो जाओगी जो तुम्हें मिलेगा। डिपंल ने कहा, “एक बार जब विक्रम उनसे मिलने आया तो मैंने शादी का जिक्र किया क्योंकि मैं थोड़ा असुरक्षित महसूस कर रही थी। विक्रम ने कुछ नहीं कहा अपने वॉलेट से ब्लेड निकल कर अपनी ऊंगली काटी और मेरी मांग भर दी । यह मेरे जीवन का सबसे खुशी का लम्हा था ।बाद में उसे चिढ़ाती थी कि वह पूरा फिल्मी है।”
डिंपल के मुताबिक हमारे रिश्ते की यादों कुछ शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है । विक्रम को याद करते हुए डिंपल बताती हैं, इतने साल बीत जाने के बाद एक दिन भी ऐसा नहीं हुआ जब मैंने खुद को तुमसे जुदा पाया हो। मुझे लगता है कि तुम कहीं पोस्टिंग पर हो. मुझे यकीन है कि हम एक बार फिर मिलेंगे । यह बस समय की बात है।
शहीद कैप्टन विक्रम बतरा के पिता जीएल बतरा ने कहा कि चंडीगढ़ की इस महिला को वह आज भी सलाम करते हैं कि उन्होंने उनके शहीद बेटे विक्रम बतरा की याद में आज से करीब 22 साल पहले शादी न करने का फैसला लिया था। भगवान से उनके सदा सुखी रखने की दुआ करते हैं।
कारगिल युद्ध के नायक कैप्टन विक्रम बत्रा को पूरा देश उन्हें याद कर रहा है और उनकी जांबाजी को सलाम कर रहा है। कैप्टन बत्रा चोटी नंबर 4875 पर अपने एक साथी की जान बचाते हुए शहीद हुए थे। उन्हें मरणोपरांत भारतीय सेना के सर्वोच्च पुरस्कार परमवीर चक्र से नवाजा गया था।