By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 21, 2019
नयी दिल्ली। बीसीसीआई ने सिर के पिछले हिस्से, गर्दन और कनपटी पर गेंद लगने से बचाने वाले हेलमेट के महत्व को लेकर अपने खिलाड़ियों को अवगत कराया है लेकिन गर्दन की सुरक्षा वाले हेलमेट पहनने का फैसला क्रिकेटरों पर छोड़ दिया है हालांकि इसको अनिवार्य करने की मांग लगातार उठ रही है।
इसे भी पढ़ें: श्रीसंत को उम्मीद, फिर से मिलेगा भारतीय टीम में खेलने का मौका
दूसरे एशेज टेस्ट मैच के दौरान जोफ्रा आर्चर की गेंद स्टीव स्मिथ के गर्दन पर लगी थी जिसके बाद चक्कर आने के कारण वह इस मैच में आगे नहीं खेल पाये। इसके बाद आस्ट्रेलियाई टीम के खेल चिकित्सा प्रमुख ने कहा कि उसके क्रिकेटरों के लिये जल्द ही गर्दन की सुरक्षा वाले हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: तेज गेंदबाज श्रीसंत का सात साल का प्रतिबंध अगस्त 2020 में होगा खत्म: BCCI
यह भले ही अभी अनिवार्य नहीं हुआ है लेकिन आईसीसी क्रिकेट समिति ने इस पर विस्तार चर्चा की तथा गेंद लगने पर चक्कर आने की दशा में स्थानापन्न खिलाड़ी की व्यवस्था की जो कि बल्लेबाजी और गेंदबाजी कर सकता है। आस्ट्रेलिया ने दूसरे एशेज टेस्ट में इसका उपयोग किया और स्मिथ की जगह मार्नस लाबुशेन स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में उतरे।
इसे भी पढ़ें: भारतीय टीम को जान से मारने की धमकी! सच या अफवाह?
बीसीसीआई ने कहा, ‘‘गेंद लगने पर चक्कर आने के नियम प्रभावी होने के बाद बीसीसीआई ने कप्तान और कोचिंग स्टाफ को इसके बारे में जानकारी दी। हमने उन्हें गर्दन की सुरक्षा करने वाले हेलमेट के बारे में बताया। शिखर धवन सहित कुछ खिलाड़ी इसका उपयोग करते हैं लेकिन हम उन्हें बाध्य नहीं कर सकते। हेलमेट सहज महसूस करने से भी जुड़ा मसला है।’’