By अभिनय आकाश | Jan 02, 2022
वैक्सीनेशन के लक्ष्य पर अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी की ओर से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें बताया गया कि भारत अपने वैक्सीनेशन लक्ष्य से चूक गया। जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से करारा जवाब दिया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक समाचार लेख में यह दावा किया गया है कि भारत अपने टीकाकरण लक्ष्य से चूक गया है। यह भ्रामक है और पूरी तस्वीर बयां नहीं करता है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में, भारत का राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम कई विकसित पश्चिमी देशों की तुलना में सबसे सफल और सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि 16 जनवरी, 2021 को राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद से भारत ने 18 साल के ऊपर के अपने 90 फीसदी लोगों को पहली खुराक और 65 प्रतिशत लोगों को दूसरी खुराक दिया। इस अभियान में, भारत ने दुनिया में कई अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें 9 महीनों से कम समय में 100 करोड़ से अधिक खुराक देना, एक ही दिन में 2.51 करोड़ खुराक देना और कई मौकों पर प्रति दिन 1 करोड़ खुराक देना शामिल है। अन्य विकसित देशों की तुलना में, भारत ने अपने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 93.7 करोड़ (आरजीआई के अनुसार) के पात्र वयस्क नागरिकों को COVID टीकाकरण के प्रशासन में बेहतर काम किया है।
गौरतलब है कि बीबीसी ने 1 जनवरी को आख़िर भारत 100% टीकाकरण के अपने लक्ष्य से चूक क्यों गया? नामक शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की। भारत अपनी 94 करोड़ की पूरी वयस्क आबादी को कोरोना के दोनों डोज़ देने के लक्ष्य से चूक गया है। भारत में संपूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य की घोषणा सबसे पहले प्रकाश जावड़ेकर ने मई महीने में की थी। उन्होंने कहा था, "भारत में दिसंबर साल 2021 तक टीकाकरण पूरा हो जाएगा।