Baramati का रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर बहा रहा आँसू, 50 साल से नहीं बदले हालात

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By Prabhasakshi News Desk | May 04, 2024

Baramati का रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर बहा रहा आँसू, 50 साल से नहीं बदले हालात

साक्षी टीम की चुनाव यात्रा महाराष्ट्र के बारामती में पहुंची है जहां हमारे एडिटर नीरज कुमार दुबे ने शहर के स्टेशन का जायजा लिया और स्टेशन पर मौजूद लोगों से बात भी की। स्टेशन पर मौजूद लोगों ने साफ-सफाई और मूलभूत सुविधाओं सहित कई जानकारियां दीं। 


बारामती शरद पवार का राजनीतिक गढ़ माना जाता है और वे यहां 50 साल से राज कर रहे हैं। पहले वे यहां से सांसद थे और अब उनकी बेटी सुप्रिया सुले 15 साल से यहां से सांसद हैं। उनके भतीजे अजित पवार भी बारामती से सांसद रह चुके हैं। विकास के मामले में बारामती वाकई आगे रहा है लेकिन शहर के स्टेशन की स्थिति बहुत ही बदहाल है और स्टेशन काफी जर्जर हो चुका है। जगह-जगह जाले लगे हैं और स्टेशन की कई खिड़कियां टूटी हुई हैं। पिछले कुछ समय पहले ही अमृत भारत योजना के तहत स्टेशन का पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ है जो आचार संहिता के कारण फिलहाल बंद है। 


यहाँ पढ़ने वाले देश के अलग-अलग छात्रों की समस्या है कि बारामती किसी बड़े शहर से सीधे रेलवे लाइन से नहीं जुड़ा है। यात्रा करने के लिए उन्हें पहले पुणे और उसके बाद बारामती आना पड़ता है। जिससे उन्हें काफी कठिनाई होती है। बारामती के लोगों का भी सपना है कि यहां से सीधी ट्रेन पड़कर वे दिल्ली, मुंबई देश के दूसरे अन्य जगहों पर जा सकें। फिलहाल स्टेशन से चार रेलगाड़ियों का संचालन होता है और वे सभी लोकल हैं । जिनसे केवल आसपास के क्षेत्र में ही जाया जा सकता है। 


इसके अलावा स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी है। यात्री प्रतीक्षालय, पीने का साफ पानी, हवा और साफ रोशनी की भी कमी है। स्टेशन पर गंदगी चारों ओर बिखरी रहती है जिसकी ओर कोई खास ध्यान नहीं देता है। देश के प्रमुख पदों को संभाल चुके पूर्व एनसीपी नेता शरद पवार के क्षेत्र में स्टेशन की यह दुर्दशा बाकी चौंकाने वाली है। शहर में स्थित बस अड्डा काफी विकसित है और वहां लोगों को लगभग सभी तरह की मूलभूत सहूलियत में मिलती हैं। 


स्टेशन पर मौजूद एकमात्र स्टॉल के दुकानदार ने बताया कि यहां से सुबह, दोपहर, शाम और रात को हर समय एक-एक ट्रेन उपलब्ध है। दुकानदार ने उम्मीद जताई कि स्टेशन पर निश्चित ही ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी। एक दिव्यांग यात्री ने बताया कि प्लेटफार्म, ट्रेन की तुलना में काफी नीचे है जिससे उन्हें चढ़ने और उतरने में काफी परेशानी होती है। जिसको लेकर उन्होंने शरद पवार, अजित पवार और सांसद सुप्रिया सुले को अवगत करा दिया है। सभी नेताओं ने चुनाव के बाद उनकी इस समस्या का निराकरण करने का भी वादा किया है। स्टेशन पर काम करने वाले दूसरे कर्मचारियों ने कहा निर्माण कार्य काफी तेज गति से चल रहा है और जल्द ही लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलने लगेंगी।

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