Banke Bihari Mandir Corridor case: इलाहाबाद कोर्ट ने मंदिर तक जाने वाले मार्गों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी

By रेनू तिवारी | Sep 05, 2024

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर तक जाने वाले मार्गों की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने पिछले साल अगस्त में मंदिर में भगदड़ मचने के बाद मथुरा के अनंत शर्मा और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।


अदालत में याचिका की पोषणीयता पर बहस होनी है। इसके बाद, अदालत को प्रस्तावित कॉरिडोर के स्वरूप पर फैसला लेना है और काम शुरू करना है। अब तक इस मामले की 74 तारीखों पर सुनवाई हो चुकी है।

 

इसे भी पढ़ें: Maharashtra में शिवाजी की मूर्ति ढहने पर विरोधियों ने मचाया हंगामा, क्‍या राज्य को बांग्लादेश बनाने की रची गई रणनीति?


पीआईएल पर सुनवाई

मंदिर सेवायत के वकील ने यह भी दावा किया है कि प्रशासन भीड़ प्रबंधन के आदेशों का ठीक से पालन नहीं कर रहा है और इससे मंदिर में काफी अव्यवस्था हो रही है। मंदिर सेवा के वकील की बात सुनने के बाद कोर्ट ने कहा है कि सरकार को अपनी प्रस्तावित योजना पर आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि दर्शनार्थियों को दर्शन में कोई बाधा न आए। कोर्ट ने यह भी कहा कि मंदिर परिसर के बाहर भीड़ प्रबंधन किया जाना चाहिए, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के आसानी से मंदिर में दर्शन कर सकें। कॉरिडोर के विकास में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को बेहतर ढंग से समायोजित करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार शामिल होगा।

 

इसके दायरे में पहुंच बढ़ाना, सुविधाओं में सुधार करना और भीड़ के प्रवाह को प्रबंधित करना शामिल हो सकता है। कोर्ट ने विकास प्रक्रिया में कानूनी और नियामक मानकों के पालन की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि परियोजना पर्यावरण नियमों, ऐतिहासिक संरक्षण मानदंडों और स्थानीय भवन संहिताओं का अनुपालन करती है।

 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: Assam CM Himanta ने 'मियां' की मछली से लोगों को सावधान रहने के लिए क्यों कहा है?

 

मंदिर के पैसे का उपयोग करने की अनुमति नहीं हाईकोर्ट ने कॉरिडोर के निर्माण के लिए मंदिर के बैंक खाते में जमा धन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार को अपनी प्रस्तावित योजना पर आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन, इसके लिए मंदिर के धन का उपयोग नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि दर्शनार्थियों को दर्शन में कोई बाधा न आए।

 

न्यायालय ने सरकार को कॉरिडोर के निर्माण में बाधा बन रहे अतिक्रमण को हटाने की अनुमति दे दी है। बांके बिहारी मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, और आस-पास के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने से भक्तों के लिए अनुभव बेहतर हो सकता है और भीड़ को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।



प्रमुख खबरें

दोस्त इजरायल के लिए भारत ने कर दिया बड़ा काम, देखते रह गए 193 देश

Nawada Fire: CM Nitish के निर्देश के बाद पुसिल का एक्शन, 16 लोगों को किया गिरफ्तार, पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग

Ukraine पहुंचे भारत के हथियार, रूस हो गया इससे नाराज, विदेश मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्ट को बताया भ्रामक

Waqf Board case: आप विधायक अमानतुल्लाह खान की याचिका, दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी से रिपोर्ट मांगी