By अंकित सिंह | May 04, 2020
पूरा देश इस वक्त कोरोना संकट से जूझ रहा है। इस संकट की वजह से पूरे देश में लॉक डाउन की स्थिति है। लॉकडाउन के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। साथ ही साथ आर्थिक गतिविधियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। नुकसान के कारण अब नकदी की समस्या हो गई है। आंकड़े बताते हैं कि इस समस्या से निपटने के लिए लोग अपने भविष्य निधि पीएफ फंड से पैसे निकाल रहे हैं। हालांकि वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक इस संकट को दूर करने का भी प्रयास कर रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज दरों में कटौती कर लोन लेने की प्रक्रिया को बेहद ही आसान कर दिया है। इतना ही नहीं अगर आप अपने द्वारा लिए गए लोन पर मासिक किस्त नहीं जमा कर पाते हैं तो इसके लिए भी 3 महीने की मोहलत दे दी गई है। बैंक ने क्रेडिट कार्ड के बकाये के भुगतान को लेकर भी 3 महीने का समय दिया है। मतलब यह है कि अगर आपने 3 महीने तक क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं किया है तो बैंकों की ओर से दबाव नहीं बनाया जाएगा और सिबिल स्कोर पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
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इन सब के बावजूद बैंकों ने ग्राहकों की क्रेडिट कार्ड लिमिट को कम करने की शुरुआत कर दी है। एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक व कोटक महिंद्रा बैंक सहित कई बैंकों ने ग्राहकों की क्रेडिट कार्ड लिमिट को 80% तक घटा दिया है। एक्सिस बैंक ने तो लगभग 2 लाख ग्राहकों की क्रेडिट लिमिट में कटौती कर दी है।
ऐसा क्यों कर रहे हैं बैंक
दरअसल कोरोना संकट के बीच बैंकों को लगता है कि वर्तमान हालात में कुछ क्रेडिट कार्ड धारक वित्तीय दबाव में आ सकते हैं। उनके पास पैसों की कमी हो सकती है इसलिए वह क्रेडिट कार्ड का खूब इस्तेमाल करेंगे लेकिन भुगतान में देरी करेंगे। बैंक इसी आशंका की वजह से क्रेडिट कार्ड लिमिट में कटौती कर रहे हैं। हालांकि बैंकों ने यह दावा किया है कि ऐसा पहली बार नहीं किया जा रहा है। क्रेडिट कार्ड धारको की कर्ज पाने की योग्यता व कार्ड से खर्च के विश्लेषण पर क्रेडिट कार्ड की लिमिट घटाई या फिर बढ़ाई जाते हैं।
बैंकों की क्रेडिट कार्ड कटौती के 3 मुख्य कारणों पर जाएं तो पहला कारण है
बैंकों का मानना है कि आरबीआई से मिली छूट का ग्राहक लाभ उठा रहे हैं। जो ग्राहक यह सुविधा ले रहे हैं उनके पास पैसे नहीं है। ऐसे में वे समय पर अपने क्रेडिट कार्ड का बकाया जमा नहीं कर सकते।
दूसरा कारण है क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल होना। दरअसल ऐसे कई क्रेडिट कार्ड धारक है जिन्होंने पिछले 2 सालों में अपने लिमिट का 30% भी हिस्सा खर्चा नहीं किया है। ऐसे कार्ड धारकों की लिमिट घटाई जा रही है।
नंबर 3- बैंक उन क्रेडिट कार्ड धारको के भी लिमिट को कम कर रही है जो बकाया भुगतान में देरी करते हैं या फिर कभी ना कभी डिफॉल्टर रहे हों।
आपको क्या करना चाहिए
विशेषज्ञ यह बता रहे हैं कि वर्तमान में अगर आप कार्ड से पैसे खर्च कर रहे हैं तो उसका भुगतान भी समय पर करें। साथ ही साथ कुछ महीनों से अगर आपने 50 फ़ीसदी से ज्यादा राशि खर्च की है और भुगतान समय पर किया गया है तो आपके क्रेडिट लिमिट पर संकट नहीं आएगा और आपका सिबिल स्कोर भी सही रहेगा। मान लीजिए कि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख है और आपने 60 हजार खर्च किए हैं और इसका भुगतान भी समय पर कर दिया है ऐसे में बैंकों का आप पर भरोसा बना रहेगा और बैंक आपकी क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ा सकते हैं।
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विशेषज्ञ इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले लोग समय-समय पर सिबिल स्कोर चेक करते रहें। अगर गड़बड़ी महसूस होती है तो कारणों की जांच करें। क्रेडिट कार्ड के बकाए का भुगतान हरसंभव सही समय पर करें। इससे आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी बढ़ सकती हैं।
सावधानी बरतें
कोरोनावायरस के बीच अगर आपको क्रेडिट कार्ड से संबंधित किसी भी परेशानी से बचना है तो अपने खर्चे का भुगतान समय पर करें। रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए गाइडलाइन का अगर आप लाभ उठाते हैं तो आपको 3 महीने तक तो पेमेंट नहीं करना पड़ेगा लेकिन चौथे महीने में पिछले 3 महीने के अमाउंट के साथ-साथ ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। क्रेडिट कार्ड पर बैंक मनमाने तरीके से ब्याज वसूलते हैं। ऐसे में यह ब्याज का दर 40 फ़ीसदी तक भी जा सकता है। अतः वर्तमान समय में अपने क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर करें और होने वाले नुकसान को दूर करें।
- अंकित सिंह