By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 07, 2017
वध के लिये मवेशियों की पशु बाजार में खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध लगाने संबंधी केन्द्र सरकार की विवादास्पद अधिसूचना को आज उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी। इस याचिका पर न्यायालय 15 जून को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाश कालीन पीठ के समक्ष इस याचिका का शीध्र सुनवाई के लिये उल्लेख किया गया। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि अधिसूचना के प्रावधान असंवैधानिक हैं क्योंकि वे विवेक और धर्म की स्वतंत्रता तथा आजीविका के अधिकार आदि के मौलिक अधिकारों का हनन करते हैं। याचिका में दावा किया गया है कि पिछले महीने जारी सरकार की अधिसूचना पशुओं की बलि देने की धार्मिक परपंरा की आजादी के भी खिलाफ है और भोजन के लिये पशुओं के वध पर इस तरह का प्रतिबंध संविघान में प्रदत्त खाने के अधिकार, निजता और नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
यह याचिका हैदराबाद निवासी मोहम्मद अब्दुल फहीम कुरैशी ने दायर की है। याचिका के अनुसार केरल, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और कर्नाटक जैसे राज्यों ने कहा है कि वे केन्द्र के प्रतिबंध पर अमल नहीं करेंगे क्योंकि इससे उन लोगों की आजीविका भी प्रभावित होगी जो इस कारोबार से जुड़े हैं। याचिका में कहा गया है कि पशुओं की खरीद फरोख्त और फिर बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध से किसानों और मवेशियों का कारोबार करने वालों पर जबर्दस्त आर्थिक बोझ पड़ेगा जो अपने बच्चों को ही भोजन मुहैया कराने में परेशानी का सामना कर रहे हैं। याचिका में पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (मवेशियों और बाजार के नियमन) नियम और पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (मामले की संपत्ति के रूप में पशुओं की देखभाल और रखरखाव) नियमों को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है।