By अंकित सिंह | Dec 13, 2024
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को लोकसभा को सूचित किया कि भारत किसी भी अन्य पड़ोसी की तरह पाकिस्तान के साथ भी अच्छे संबंध रखना चाहेगा, लेकिन ये संबंध आतंकवाद से मुक्त होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह पाकिस्तानी पक्ष को दिखाना है कि वे अतीत के व्यवहार को बदल रहे हैं, और यदि वे निश्चित रूप से ऐसा नहीं करते हैं, तो रिश्ते और उन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। गेंद पूरी तरह पाकिस्तान के पाले में है।
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार के संदर्भ में, किसी भी अन्य पड़ोसी की तरह, हम अच्छे संबंध रखना चाहेंगे। लेकिन किसी भी अन्य पड़ोसी की तरह, हम भी आतंकी जोखिम से मुक्त संबंध रखना चाहेंगे। तो ये रही सरकार की स्थिति। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह पाकिस्तानी पक्ष को दिखाना है कि वे अपने अतीत के व्यवहार को बदल रहे हैं और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो निश्चित रूप से, रिश्ते और उनके लिए इसके निहितार्थ होंगे। इसलिए मुझे लगता है कि इस संबंध में गेंद पूरी तरह पाकिस्तान के पाले में है।
व्यापार के संबंध में विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि जो कुछ व्यवधान हुआ, वह 2019 में पाकिस्तान सरकार के फैसलों के कारण हुआ। जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर भारत चिंतित है और उम्मीद करता है कि ढाका अपने खुद के हित में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर देते हुए यह भी कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ ‘आतंकवाद मुक्त’ संबंध चाहता है और ऐसे में ‘‘गेंद इस्लामाबाद के पाले में है’’।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इस पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘बांग्लादेश की यह स्थिति चिंता का विषय है। अल्पसंख्यकों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश खुद के हित में ऐसे कदम उठाएगा कि अल्पसंख्यक सुरक्षित रहें।’’ जयशंकर का कहना था कि बांगलादेश के साथ विकास परियोजनाओं का अच्छा इतिहास है और उम्मीद है कि वहां नए प्रशासन के आने के बाद परस्पर सम्मान और लाभ वाला संबंध होगा।