अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के एक मामले में विशेष न्यायाधीश (लैगिंक अपराध) रविन्द्र कुमार शर्मा के न्यायालय ने बार-बार पीछा कर शादी न करने पर जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपित 34 वर्षीय मनोज उर्फ गुड्डू पुत्र रामनाथ चौधरी निवासी ग्राम बरबसपुर थाना भालूमाड़ा की विशेष लोक अभियोजक राजगौरव तिवारी की दलील के बाद जमानत याचिका निरस्त कर दी। आरोपी के खिलाफ थाना भालूमाडा में धारा 354क,घ, 509, 506 भादवि 11,12 पाक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस के अनुसार आरोपित मनोज चौधरी उर्फ गुड्डू पिछले 5-6 माह से फरियादिया को परेशान करता रहा है और उसे अपनी पत्नी बना कर रखने की बात वह कहता रहा है। यह बात जब नाबालिग लड़की ने परिवार के सदस्यों को बताई तो परिवार के लोगों द्वारा पंचायत बुलवाकर आरोपित को समझाया गया था। जिसके बाद नाबालिग लड़की दो माह के लिए मामा के यहा चली गयी थी। जब वह घर आई तो आरोपी ने फिर वही हरकते चालू कर दी। यही नहीं पिछली 16 नवम्बर को लड़की के घर के सामने आरोपी ने धमकी देते हुए कहा कि, अगर तुम मेरी पत्नी नहीं बनोगी तो मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार को जान से मार दूगां। जिस पर थाना भालूमाडा द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
आरोपित ने जमानत आवेदन में कहा कि झूठा फसाया गया है फरियादिया को अपनी बहन मानता है। जिस पर विशेष लोक अभियोजक ने विरोध करते हुए बताया कि फरियादिया 16 वर्षीय बालिका है। आवेदक नाबालिग का पीछा करता था, उसे पत्नी बनाने के लिए कहता था तथा उसका गांव में रहना असंभव कर दिया था। जिसके चलते वह दो महीने के लिए दूसरे जिले में स्थित अपने निकट रिश्तेदार के घर भी चली गई थी। किन्तु वापस आने पर उसके व्यवहार में कोई परिवर्तन नही हुआ। उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात न्यायालय ने अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।