दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एक अंतरिम आदेश में भाजपा से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद को डीडीसीए और क्रिकेटर से राजनेता बने चेतन चौहान द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में निचली अदालत में पेश होने से दी गयी छूट की अवधि बढ़ा दी। न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल ने कहा, ‘‘अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख 16 नवंबर तक बढाई जाती है।’’ अदालत ने आजाद के खिलाफ दायर शिकायत खारिज करने के लिये उनकी याचिका पर दिल्ली एंड डिस्ट्रिक क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) और चौहान को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय ने 24 मार्च को आजाद को निचली अदालत में पेश होने की छूट प्रदान की थी लेकिन अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दी गयी थी। आजाद को 18 फरवरी को जमानत मिली थी। आजाद ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूर्व क्रिकेटर सुरिन्दर खन्ना के पास बैठे होने और क्रिकेट संगठन के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाने के आधार पर यह शिकायत रद्द करने का अनुरोध किया था। आजाद ने अपने वकील बलजीत सिंह धीर के जरिए कहा, ‘‘डीडीसीए के खिलाफ आरोप सुरिन्दर खन्ना ने लगाए थे। ऐसा कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है कि मैंने (आजाद) कुछ कहा है। मैं केवल अन्य सदस्यों के साथ बैठा था।’’
इसमें कहा गया है कि शिकायतकर्ता में सुरिन्दर खन्ना का नाम होना चाहिए। निचली अदालत ने 30 जनवरी को केजरीवाल और आजाद को समन जारी कर कहा था कि उनके बयानों से प्रथम दृष्टया क्रिकेट संगठन और इसके अधिकारियों की छवि प्रभावित हुयी है। पूर्व में केजरीवाल ने अपने आवेदन में कहा था कि डीडीसीए एक कानूनी व्यक्ति (जीवित व्यक्ति से इतर) और उन पर लगे शिकायतकर्ता की छवि धूमिल करने के आरोपों के आधार पर निचली अदालत को उनके खिलाफ कार्यवाही रोक देनी चाहिए।