अयोध्या: आरोपों में अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 20, 2017

राजनीतिक रूप से संवेदनशील बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य वीवीआईपी पर जिन आरोपों में सुनवाई होनी है उनमें दो से पांच साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आपराधिक साजिश के अपराध को बहाल किया। यह आरोप इस मामले में उन पर लगे आरोपों में वास्तविक रूप से शामिल था।

 

उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) के अपराधों के तहत सुनवाई होगी जिनमें धर्म आदि के आधार पर अलग अलग समूहों के बीच कथित रूप से वैमनस्य बढ़ाना, राष्ट्रीय एकता के लिए नुकसानदेह बयान, टिप्पणियां करना और सार्वजनिक नुकसान वाले बयान देना शामिल है। इन अपराधों के लिए भादंसं में अधिकतम पांच साल के कारावास की सजा का प्रावधान है। धर्म का अपमान करने की मंशा से किसी धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अधिकतम दो साल की सजा जबकि धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करके किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने की मंशा से द्वेषपूर्ण कृत्य में अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान है।

 

प्रमुख खबरें

पूर्व PM मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में दिल्ली के AIIMS में ली अंतिम सांस

सक्रिय राजनीति फिर से होगी रघुवर दास की एंट्री? क्या है इस्तीफे का राज, कयासों का बाजार गर्म

क्या इजराइल ने सीरिया में फोड़ा छोटा परमाणु बम? हर तरफ धुंआ-धुंआ

1,000 नए रंगरूटों को दिया जाएगा विशेष कमांडो प्रशिक्षण, सीएम बीरेन सिंह ने दी जानकारी