नई दिल्ली। अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आज 13वां दिन है। सुनवाई के दौरान वकील अपनी-अपनी दलीलें जजों की बेंच के सामने रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सोमवार को 12वें दिन की सुनवाई में निर्मोही अखाड़ा की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील सुशील जैन ने अदालत को बताया था कि हम देवस्थान का प्रबंधन करते हैं और पूजा का अधिकार चाहते हैं तथा जन्मस्थान का पजेशन न तो देवता के नेक्स्ट फ्रेंड को दिया जा सकता है न ही किसी पुजारी को।
यह काम सिर्फ जन्मस्थान के कर्ता-धर्ता को दिया जा सकता है और निर्मोही अखाड़ा जन्मस्थान का देखभाल करता है। इस पर अदालत ने कहा था कि आप दो मुद्दों पर बहस कीजिए पहला पूजा कैसे होगी यानी उसका नेचर क्या होगा और दूसरा कि आप बाहर या अंदर कहां पूजा करना चाहते हैं? इससे पहले बीते शुक्रवार को 11वें दिन की सुनवाई में निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन ने बहस की थी। उन्होंने निर्मोही अखाड़े को जन्मस्थान का शेबेट (देवता की सेवा करने वाला) बताया था। उन्होंने कहा था कि रामलला के नाम पर किसी अन्य व्यक्ति को याचिका करने का अधिकार नहीं है और जगह हमारे हवाले की जाए।