By अंकित सिंह | Jan 10, 2019
अयोध्या मामले कि सुनवाई टाले जाने के बाद भाजपा प्रवक्ता डॉ विजय सोनकर शास्त्री कहा कि राम मंदिर के भव्य निर्माण का प्रकरण कितना गंभीर है, इसे न तो पहले की सरकारों ने माना और ना ही न्यायालय ने। कांग्रेस की सरकारों पर सवाल उठाते हुए शास्त्री ने का कि उन्होंने तो राम के आस्तित्व से ही इनकार कर दिया था। साथ ही साथ शास्त्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे बरियता में भी नहीं माना है। उन्होंने आरोप लगाया कि वामपंथी इतिहासकारों ने तो इस संदर्भ में देश को गुमराह ही किया है।
विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि यदि पूर्व की सरकारों, न्यायालयों, इतिहासकारों एवं कुछ तथाकथित राजनितिक दलों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया होता तो गत तीन-चार शताब्दीयों के भीषण नरसंहार को रोका जा सकता था और करोड़ों करोड़ हिन्दुओं के जनभावनाओं को समझा और उसका सम्मान किया जा सकता था।
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बता दें कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले की सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति यू यू ललित ने बृहस्पतिवार को स्वयं को सुनवाई से अलग कर लिया। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने एक नई पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की।