लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक के लिए अयोध्या और हिन्दुत्व फिर से बीजेपी के एजेंडे में

By अजय कुमार | Dec 19, 2023

हिन्दुस्तान के इतिहास में एक और नई इबारत जुड़ने जा रही है। अगले साल 22 जनवरी 2024 को जब अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के नवनिर्मित आलीशान मंदिर में प्रभु श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो उसी के साथ पांच सौ साल का विवाद भी इतिहास के पन्नों में सिमट जायेगा। प्राण प्रतिष्ठा की खबर से रामभक्त प्रसन्न हैं। वहीं इसको लेकर सियासत भी गरमाना शुरू हो गई है जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि 2024 का लोकसभा चुनाव भी रामलला के इर्दगिर्द घूमता नजर आये तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये। क्योंकि बीजेपी एक बार फिर ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है। वैसे भी करीब चार दशक से अयोध्या राजनीति का केन्द्र बना हुआ है। बीजेपी रामलला के नाम पर कई चुनाव लड़ और जीत चुकी है। पूरे देश में बीजेपी का विस्तार यदि देखने को मिल रहा है तो इसकी जद में अयोध्या में रामलला के मंदिर की प्रमुख भूमिका रही है। इसी के चलते भले ही आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा हो, लेकिन बीजेपी भी इसका श्रेय लेने में पीछे नहीं है। वह अपने वोटरों को बताती रहती है कि यदि वह नहीं होती तो रामलला का मंदिर निर्माण हो ही नहीं पाता। खास बात यह है कि बीजेपी के इस दावे पर उसके वोटर विश्वास भी करते हैं।


बहरहाल, एक तरफ बीजेपी के उत्थान में रामलला का मंदिर मील का पत्थर साबित हुआ है तो दूसरी ओर अयोध्या की सियासत के चलते कई राजनैतिक दलों को पतन का भी सामना करना पड़ा है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की आज जो दुर्दशा देखने को मिल रही है, उसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि बीजेपी को छोड़कर अन्य सियासी दल अपने आप को इस सियासत में एडजेस्ट नहीं कर पाये। इसीलिए कोई भी गैर-बीजेपी दल नहीं चाहता है कि 2024 का आम चुनाव रामलला के नाम पर लड़ा जाये। इसको लेकर कई दलों में बेचैनी भी देखी जा सकती है। इसकी बानगी हाल में ही तब देखने को मिली जब उत्तर प्रदेश के सहारनपुर पहुंचे सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कोर्ट के आदेश पर हो रहा है, भारतीय जनता पार्टी की इसमें कोई भूमिका नहीं है। शिवपाल ने आरोप लगाया कि भाजपा भगवान श्रीराम के नाम पर राजनीति कर देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। शिवपाल का यह बयान सहारनपुर में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के सिलसिले में अपने समर्थकों से संवाद के बाद मीडिया से रूबरू होने के दौरान सामने आया। सहारनपुर के दो दिवसीय दौरे के दौरान शिवपाल ने देवबंद में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद वह मीडिया कर्मियों से रूबरू हुए। इस मौके पर शिवपाल यादव ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला किया। शिवपाल यादव ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण कार्य कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है। भाजपा सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। शिवपाल जैसी भाषा करीब-करीब सभी दलों के नेता बोल रहे हैं। वहीं बीजेपी वालों को इससे सियासी फायदा होता दिख रहा है।

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राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अधिकांश केंद्रीय मंत्री रामलला से जुड़ी तमाम खबरें अपने सोशल साइट्स पर पोस्ट कर रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर तमाम बीजेपी नेता तक अयोध्या से जुड़ा वीडियो शेयर करते रहते हैं। गौरतलब है कि इसी साल की शुरुआत में जनवरी महीने की बात है जब त्रिपुरा की एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि राहुल गांधी सुन लें जनवरी 2024 में बन जाएगा रामलला का मंदिर। अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि 2019 के चुनाव के दौरान जब मैं बीजेपी का अध्यक्ष था और राहुल बाबा कांग्रेस अध्यक्ष थे। वे रोज पूछते थे मंदिर वहीं बनाएंगे तिथि नहीं बताएंगे। अमित शाह ने कहा कि राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो अगले साल 1 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर आपको तैयार मिलेगा।


उधर, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि राम मंदिर का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। भारतीय हजारों वर्षों से राम की पूजा करते आ रहे हैं। अचानक, मोदी राम भक्त बन गए हैं और देश को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। चौधरी ने कहा कि 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन के लिए केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही निमंत्रण क्यों दिया गया है? विपक्षी दलों के नेताओं ने सवाल किया कि क्या यह लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक पार्टी कार्यक्रम बन जाएगा? कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने पूछा कि क्या सिर्फ एक ही पार्टी को निमंत्रण भेजा जा रहा है? क्या यह अब एक पार्टी कार्यक्रम बन गया है? भगवान सबके हैं। हर पार्टी को निमंत्रण मिलना चाहिए था। एक तरफ गैर बीजेपी पार्टियां इस बात से गुस्से में हैं कि बीजेपी रामलला के नाम पर सियासत कर रही है वहीं बीजेपी पर्दे के पीछे से रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के काम को चुनावी इवेंट बनाने में लगी है। इसी कड़ी में अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी चरण पादुकाएं भी रखी जाएंगी। फिलहाल ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। पादुकाएं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। ये चरण पादुकाएं एक किलो सोने और सात किलो चांदी से बनाई गई हैं। इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाया है। 17 दिसंबर को इन्हें रामेश्वर धाम से अहमदाबाद लाया गया था। यहां से यह सोमनाथ ज्योतिर्लिंग धाम, द्वारकाधीश नगरी और इसके बाद बद्रीनाथ ले जाई जाएंगी। श्रीचल्ला श्रीनिवास इन पादुकाओं को हाथ में लेकर अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर की 41 दिन की परिक्रमा भी कर चुके हैं।


अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है, इसके लिए पटना के महावीर मंदिर में तैयारी चल रही है। अयोध्या में इस महा आयोजन में शामिल होने वाले भक्तों को अपनी राम रसोई से स्वादिष्ट भोजन कराया जायेगा। 15 जनवरी से हर महीने 6 लाख लोगों को भोजन कराने की तैयारी है। सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक चलने वाली राम रसोई अयोध्या में बिहार की खास पहचान बनेगी। वहीं श्रीराम मंदिर परिसर में 10 हजार स्क्वॉयर फीट में राम रसोई बनाने का प्लान भी है। अभी राम लला के सामने स्वर्णिम दीपक भी महावीर मंदिर से भेजे गए गाय के घी से जलाया जाएगा। वहीं सात समुंदर पार अमेरिका में रह रहे हिंदू समुदाय ने वॉशिंगटन डीसी में फ्रेडरिक सिटी मैरीलैंड में एक कार रैली का आयोजन किया। इसके साथ ही यहां एक महीने तक राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तक चलने वाले उत्सव की शुरुआत की हो गयी है। रैली के लिए सभी श्री भक्त अंजनेय मंदिर में इकट्ठा हुए। कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक के लिए अयोध्या और हिन्दुत्व को फिर से बीजेपी ने अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है।


-अजय कुमार

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