6 महीने के लिए EMI टालना पड़ सकता है महंगा, अपना लोन चुकाते रहे

By अंकित सिंह | May 27, 2020

पूरे देश में कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस वायरस के कारण सबसे ज्यादा नुकसान अर्थव्यवस्था को हुआ है। अर्थव्यवस्था के नुकसान के कारण आम आदमी के पॉकेट पर का बड़ा असर पड़ा है। इसी कारण बैंक से लोन लेने वाले लोगों को EMI देने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कोरोना संकट के मध्य नजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने EMI को डालने की अवधि पहले 3 महीने बढ़ाई थी। उसके बाद फिर से 3 महीने के लिए बढ़ा दी है। यानी कि कुल 6 महीने आपको EMI से राहत मिल सकती है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको EMI नहीं देना होगा। आपको 6 महीने के बाद से EMI देना होगा। 

 

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फैसले से उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है जिन्होंने होम या ऑटो लोन लिया है और उनको अपनी EMI टालने की सुविधा अगस्त तक मिल गई है। पहले यह सुविधा मार्च से मई तक के लिए थी। फिलहाल इसे बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया गया है। हालांकि आरबीआई के द्वारा दिए गए इस राहत को लेकर कई तरह की दुविधा है। साथ ही साथ यह भी कहा जा रहा है कि यह सुविधा भले ही बाहर से देखने में अच्छी लग रही हो लेकिन अंदर उतनी ही पेचीदा है। अगर आपको EMI नहीं देनी है तो बैंक के टर्म्स एंड कंडीशन को पूरी तरीके से पढ़ कर ही फैसला लेना चाहिए। आपको देखना चाहिए कि अगर आप EMI टालते हैं तो आपके जेब पर इसका कितना असर होगा।

 

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बैंक विशेषज्ञों की मानें तो EMI टालने की सुविधा देने से बैंकों का तो कोई नुकसान नहीं हो रहा है। अगर बैंक आपकी EMI 6 महीने के लिए टाल भी रहे हैं तो इसकी भरपाई ब्याज दर के साथ वसूल कर रहे है। यानि कि आपको ब्याज पर ब्याज देना पड़ रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप अभी EMI नहीं दे रहे हैं तो इसका प्याज आपको जब अगली बार EMI जमा करेंगे तब देनी होगी। अतः EMI टालने के फैसले पर एक बार पुनर्विचार जरूर करें। अगर आपके पास आमदनी है तो EMI को भरते रहे। इसी में बेहतरी है। उधर देश की प्रमुख बैंक एसबीआई ने दावा किया कि EMI टालने का फैसला अब तक सिर्फ 20 फ़ीसदी ग्राहकों ने ही लिया है। इसका मतलब यह हुआ कि ज्यादातर ग्राहक यह मान रहे हैं कि EMI टालने से कोई फायदा नहीं है और इसे समय पर जमा करते रहना चाहिए।

 

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इंडियन बैंक एसोसिएशन ने EMI के टालने को लेकर पूछे जा रहे प्रश्नों के जवाब में कहा कि अगर आपके आमदनी पर कोई फर्क नहीं पड़ा है तो आप  EMI का भुगतान समय पर करें। अगर आपकी आमदनी पर असर पड़ा है तो आप इसका लाभ तो उठा सकते हैं परंतु आरबीआई के फैसले के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद। आपको इस अवधि के दौरान कुछ भी नहीं देना होगा। लेकिन बाद में उस पर ब्याज लगेगा। मान लीजिए कि आपने 29 लाख रुपए का लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया है जिस पर आपकी EMI ₹25225 बनती है। अगर इन 6 महीने में आपने यह EMI जमा नहीं किया तो आपको सातवें महीने ₹151350 देने पड़ेंगे। इसके अलावा बैंकों द्वारा तय 5 से 7 फ़ीसदी प्याज भी आपको देना पड़ सकता है। यानि की आपको कुल ₹162000 के आसपास बैंक में जमा करने होंगे। एक विकल्प यह भी है कि 6 महीने की EMI को लोन के साथ जोड़ दिया जाए। कहने का मतलब यह है कि लोन की अवधि ना बढ़ाई जाए मगर EMI की राशि बढ़ा दी जाए। बैंकों द्वारा एक विकल्प और भी दिए जा रहे हैं जिसमें EMI तो नहीं बढ़ रही है परंतु लोन की अवधि बढ़ा दी जा रही है। अगर वर्तमान में आप 6 महीने के लिए EMI टालते हैं तो आगे आपको 7 महीने EMI देने होंगे।

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